Monday 4 January 2016

जन सुनवाई के पहले नुक्कड़ नाटक



बिहार घरेलू कामगार संगठन के कार्यकर्ताओं की प्रस्तुति गांधी संग्रहालय में

पटना। गांधी संग्रहालय में जन सुनवाई का आयोजन। बिहार घरेलू कामगार संगठन आयोजक। बिहार में 27 वर्षों से मानव व्यापार को लेकर सेवारत है बिहार घरेलू कामगार संगठन। इस संगठन का प्रयास है कि घरेलू कामगारों को अधिकार दिलवाने, उनकी पहचान बनाने एवं उनके सम्मान के लिए एक मंच पर ला सके। घरेलू कामगारों के साथ सामाजिक निन्दात्मक दुव्यवहार किया जाता है तथा अनेकों को तो उनका मेहनताना भी नहीं मिल पाता है। इन लोगों के साथ चहारदीवारी के अंदर होने वाली घटनाएं बंद घरों में छिप जाती है क्योंकि उनके अधिकार एवं सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कोई विशेष कानून नहीं बनाया है।

इसको समेटकर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुतिकरण की गयी। मानव व्यापार से लेकर घर के नियोजक यानी मालिक/मालिकी के कृत्यों का पर्दाफाश किया गया। कामगार बच्ची रेखा कुमारी के ऊपर जोर जुल्म किया गया। घर के सदस्यों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में जार-जार होती रही। एक ही बार में डिमांड पेश करने से परेशान हो उठती थी। बीच-बीच में थीम सोंग पेश करने से प्रस्तुति के साथ दर्शकों को बांध रखने में प्रस्तुति कामयाब रही। मानव व्यापार और घरेलू कामगारों की समस्याओं को उजागर करने में संगठन के सदस्य अहम भूमिका निभाएं। छोटे से बड़े ओहदेधारी मिलकर प्रस्तुति को चार चांद लगाएं। सिस्टर लीमा रोस,सिस्टर लुसी, सुषमा, ज्योति, पूजा, सलोमी,नवमी, असरीता,रेखा,निलुका आदि अपने-अपने अहम किरदार निभाने में कामयाब रहे।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।





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