Friday 7 April 2017

आखिरकार अपराजिता अपार्टमेंट में रहने वाले अमित कुमार पराजित हो ही गये


परिवार वाले तीन साल से बच्चे को पोलियों की खुराक नहीं दिलवा रहे थे
वीडियोग्राफी की करिश्मा से परिवार के लोग झुकें

पटना। आशियाना कॉलोनी में है अपराजिता अपार्टमेंट। इस अपराजिता अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर 106 में रहते हैं अमित कुमार,पत्नी,पिता और बच्चे के रूप में परिवार। हां, तीन साल पूर्व में परिवार वालों ने अमीरी और गरीबी के तानाबाना बुनकर पोलियों के न्यू वाइल खुलवाकर बच्चे को पोलियों की खुराक दिलवाये थे। इसके बाद ‘कोई मइया रूठी नहीं और कोई बच्चा छूटे नहीं’ का नारा परिवार वाले भूल गये। बच्चे की मां और दादा हरसंभव कोशिश करने लगे कि बच्चा को पोलियों की खुराक नहीं दिलवानी है। तीन साल से आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को फटकारते रहे। यहां तक वर्ल्ड हेल्थ ऑगनाइजेशन के मॉनिटर लालबाबू को भी नहीं छोड़े।

इस बार स्वास्थ्य टीम मन बनाकर आये थे
इस बार स्वास्थ्य टीम पोलियों नहीं दिलवाने वाले को ‘इंकार’ की सूची में डाल दी जाती है। ‘इंकार’ तुड़वाने स्वास्थ्य टीम में एम्स के दो चिकित्सक, मॉनिटर,सुपरवाइजर और ए.एन.एम. थीं। टीम के सदस्यों ने दरवाजे पर दस्तक दिये। कोई 30 मिनट के बाद अंदर से आवाज आयी। आपलोग कौन हैं? स्वास्थ्य टीम का नाम सुनकर ही अमित कुमार की पत्नी उबल पड़ी। टीम कोई अन्य व्यक्ति के बारे में पूछा। अमित के पापा बाथरूम में हैं। बाथरूम से निकलने के बाद अवकाशप्राप्त बुजुर्ग बड़बोला साबित हुए। आपलोगों को मना करने के बाद भी आ जा जाते हैं। क्या आपलोगों को मालूम नहीं है कि सरकार ने केवल गरीबों के लिए ही पोलियों की खुराक देने का अभियान चला रखी है। हमलोग अमीर हैं, पैसे वाले। पैसे के बल पर बच्चे को प्रायवेट हॉस्पीटल में जाकर पोलियों की खुराक दिलवा लेते हैं। यहां पर बच्चे को पोलियों दिलवाने से बीमार पड़ सकता है। इसके आलोक में आपलोग बेकार ही मुंह उठाकर चले आते हैं। देखिए हमलोग के साथ एम्स के दो सीनियर डाक्टर आ गये हैं। आपलोग पोलियों की खुराक दिलवाने में इंकार करते हैं तो समझाने के लिए आये हैं। सुपरवाइजर किरण दीदी और ए.एन.एम.मेरीकुट्टी जौर्ज बहन भी आ गयी हैं। साथ में वर्ल्ड हेल्थ ऑगनाइजेशन के मॉनिटर लालबाबू भी आये हैं।

गरमागरम प्रलाप के बीच में वीडियोग्राफी
चिकित्सा दल और परिवार वालों के बीच में गरमागरम प्रलाप जारी। परिवार वालों में अवकाशप्राप्त बुजुर्ग उच्ची जुबान पर प्रलाप कर रहे थे। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑगनाइजेशन के मॉनिटर ने पटना जिला के डीएम और सीएस को जानकारी दे दी। अपराजिता अपार्टमेंट के फ्लैट नम्बर-106 में बच्चा को पोलियों की खुराक नहीं दिलवाई जा रही है। अबतब में आने वाले ही थे। उक्त मॉनिटर ने चुपके से परिवार वालों की बातचीत को वीडियो में कैद करने लगा। इस तरह की वीडियोंग्राफी होते देखकर परिवार वालों को जोर झटका धीरे से लगने लगा। तब से मुलायम-मुलायम बोलने लगे। स्वास्थ्य टीम को घर के अंदर ले गये।

परिवार वालों ने शर्त रख दिया
परिवार वालों का शर्त रहा कि आपलोग वीडियोग्राफी किये हैं। उसे तुरंत डिलिट कर दिया जाए। पोलियों के न्यू वाइल से ही बच्चे को पोलियों की खुराक दी जाए। बच्चे को पोलियों की खुराक देते समय स्टील फोटोग्राफी करेंगे। जो समय पर काम आ सके। परिवार वालों का शर्त मान लिया गया। इस तरह से तीन सालों से पोलियों की खुराक नहीं दिलवाने का अपराजित रिकॉर्ड टूटा। तुरंत ही मोबाइल से डीएम और सीएस को सूचना दी गयी कि सौहार्द्धपूर्ण वातावरण में बच्चा को पोलियों की खुराक दी गयी। तब जाकर परिवार वाले शांत हो गये।

आलोक कुमार

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