Wednesday 2 August 2023

देश-विदेश-प्रदेश के युवाओं को शांति व अहिंसा का पाठ पढ़ाने में नामचीन है एकता परिषद

 नई दिल्ली.देश-विदेश-प्रदेश के युवाओं को शांति व अहिंसा का पाठ पढ़ाने में नामचीन है एकता परिषद के संस्थापक, गांधीवादी व सर्वोदयी चिंतक पी.व्ही. राजगोपाल.उन्होंने सत्य अहिंसा और शांति लाने का काम करते हैं.इसलिए उनको शांति का मसीहा कहा जाता है.

    गांधीवादी व सर्वोदयी चिंतक पी.व्ही.राजगोपाल ने युवाओं को सत्य अंहिसा और शांति पर प्रशिक्षित कर शांति कार्यकर्ताओं की लम्बी फौज खड़ी की है, जो गांव-गांव में वंचित समुदाय और महिलाओं के अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से कार्य कर रहे हैं.इसके आलोक में शांति का मसीहा को न्याय और शांति की सेवा में उनके असाधारण कार्य के लिए दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था निवानों पीस फाउंडेशन ने जापान का 40 वां निवानो शांति पुरस्कार से जापान की राजधानी टोक्यो में एक समारोह के दौरान सम्मानित किया है.

  बता दें कि देश के विख्यात गांधीवादी एवं चंबल में गांधीवादी प्रयासों से शांति का प्रयोग करने वाले पी.व्ही. राजगोपाल ने तीन सदस्यीय शांति प्रतिनिधि मंडल को मणिपुर भेजा है.जिसमें एकता परिषद  मणिपुर के ऋषि कांत शर्मा, विद्याराणी,तान्या, देवेन, भी शामिल थे .इस प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय सचिव रन सिंह परमार,एकता  परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रमेश शर्मा एवं  जय जगत अभियान  के प्रतिनिधि अनीश कुमार भी शामिल हैं.

      शांति के प्रयासों के लिए इस प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की.राज्यपाल ने कहा राजनीति तथा समूहों से ऊपर उठकर शांति के प्रयास करना जरूरी है वे हर प्रकार के शांति के प्रयासों को सहयोग करने के लिए तैयार है.राज्यपाल ने सभी रिलीफ शिविरों में रहने वाले परिवारों को हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं.

    गांधीवादी राजगोपाल के लिए भी संदेश दिया है कि वे यहां आएं और शांति के प्रयास में मदद करें.ज्ञातव्य है कि राज्यपाल  मणिपुर में शांति लाने के लिए निरंतर सक्रिय हैं तथा महिलाओं के बीच बैठ कर उनकी समस्याओं को सुनकर तुरंत समाधान करने का प्रयास करतीं हैं उससे उनके प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है.

      यह प्रतिनिधि मंडल अलग अलग समूहों से संवाद कर शांति बहाल करने की संभावनाओं को तलाश करेगा साथ ही पिछले तीन महीने में मणिपुर में हुए सामाजिक एवं आर्थिक नुकसान का अनुमान भी लगाया.गांधी के देश में जब तक कहीं भी आपसी मनमुटाव या टकराव या हिंसा की स्थिति पैदा होती है तब सरकार और समाज की प्राथमिकता जल्द से जल्द शांति बहाल हो इसका वातावरण बनाने की जरूरत है.


आलोक कुमार

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