2014 में यूपीए सरकार ने न्यूनतम पेंशन 1000 करने का विचार कर रही थी
विपक्षी बीजेपी ने जमकर आलोचना करके न्यूनतम पेंशन 3000 देने की मांग की
इस बीच लोकसभा के आम चुनाव में यूपीए सरकार परास्त हो गयी
केंद्र में सत्ता पर काबिज होने के बाद एनडीए सरकार ने 2014 में यूपीए सरकार की सिफारिश को लागू कर दिया
2014 से ही 1000 न्यूनतम पेंशन मिल रहा है.इसमें बढ़ोतरी करने का मन एनडीए सरकार को नहीं है
पटना. DA और ₹7500 पेंशन की डिमांड, करोड़ों कर्मचारियों को मिलेगी गुड न्यूज?यह फिलवक्त सपना ही दिख रहा है.बीजेपी नेता हेमा मालिनी ने बुर्जुगों की हमदर्दी बन 2020 और 2021 में प्रधानमंत्री से मिलकर ₹7500 न्यूनतम पेंशन के साथ तीन मांगों को पूरा करने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस ओर उदास होने की जरूरत नहीं है.इस ओर ठोस कदम उठाएंगे.फिलवक्त ठोस कदम हवा में लटका हुआ है,धरती पर उतर ही नहीं रहा है.मालूम हो कि कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है.वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है.इस तरह 30- 35-40 साल के बाद कर्मचारी रिटायर होता है.तो सरकार के पास 20 लाख से अधिक कर्मचारी का जमा हो जाता है.
ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की ओर से बताया गया है कि जीवन भर पेंशन फंड में पैसे जमा करने के बाद पेंशन भोगियों को आज औसत मात्रा 1,171 रुपये पेंशन मिलती है. यह पर्याप्त नहीं है.लेकिन अगर उन्हें 7,500 रुपये और महंगाई भत्ता मिले तो वह सम्मान के साथ रह सकते हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएस-95 योजना के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने के अलावा महंगाई भत्ता यानी DA दिए जाने की मांग हो रही है.इस मांग को लेकर ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) विरोध-प्रदर्शन करने की तैयारी में है.
क्या है डिमांड:
ईपीएस-95 योजना के दायरे में आने वाले लोगों की पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करने की डिमांड है. इसके साथ-साथ महंगाई भत्ता देने, ईपीएस-95 पेंशन भोगियों को बिना किसी भेदभाव के उच्च पेंशन का विकल्प देने के अलावा उनके जीवनसाथी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देने की भी मांग हो रही है.
बता दें कि कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है.वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है.इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.
न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी होने पर पेंशन फंड में उपलब्ध राशि और देय राशि में बड़ा अंतर हो जाएगा. उस अंतर को पूरा करने के उपाय होते ही न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की जा सकती है.न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर महाराष्ट्र में इन दिनों काफी प्रदर्शन हो रहे हैं. ये कर्मचारी प्रतिमाह कम से कम 7500 रुपए पेंशन की मांग कर रहे हैं.
No comments:
Post a Comment