गया। जन
संगठन
एकता
परिषद
के
संस्थापक
एवं
जाने-माने
गांधीवादी
विचारक
पी.व्ही.राजगोपाल
के
द्वारा
‘चलो
गांव
की
ओर’
नारा
बुलंद
किए
हैं।
इसके
आलोक
में
एकता
परिषद
के
शीर्ष
नेताओं
से
लेकर
अदना
कैडरों
के
बीच
में
गरमागरम
चर्चा
चलने
लगी
है।
हर
कोण
से
जन
संगठन
को
मजबूती
प्रदान
करने
की
तैयारी
है।
जनता
की
समस्या
और
जनता
की
अंगुवाई
पर
खास
तवज्जों
दिया
जा
रहा
है।
स्थानीय
संसाधन
का
उपयोग
किया
जाएगा।
एकता परिषद
बिहार
संचालन
समिति
की
सदस्य
मंजू
डुंगडुंग
ने
खेत-खलियान
में
काम
करने
वाली
महिला
किसानों
को
किसान
का
दर्जा
देने
को
और
वशिष्ठ
कुमार
सिंह
ने
कैडर
स्तरीय
जन
संगठन
बनाने
पर
बल
देने
लगे
हैं।
इसी
जन
संगठन
के
बल
पर
2020 में
10 लाख
लोगों
को
सड़क
पर
उतारने
का
प्रयास
चल
रहा
है।
राष्ट्रीय कृषि
विकास
योजना
के
बारे
में
मंजू
डुंगडुंग
में
कहा
कि
हम
लोगों
के
कार्य
क्षेत्र
में
महिलाएं
खेत
में
काम
करती
हैं।
अगर
पुरूष
खेत
में
काम
करते
हैं
तो
उनको
सहज
ढंग
से
किसान
कह
देते
हैं।
मगर
महिला
खेत
में
काम
करती
हैं
तो
उनको
महिला
किसान
नहीं
कहते
हैं।
यह
महिलाओं
का
विडम्बना
ही
है।
अभी
हम
लोग
खेत
में
काम
करने
वाली
महिलाओं
को
किसान
का
दर्जा
दिलवाने
का
प्रयास
कर
रहे
हैं।
इसके
लिए
सांगठनिक
ढांचा
तैयार
करने
की
जरूरत
है।
इसी
दिशा
में
प्रयास
करने
की
जरूरत
है।
इसको
मूर्त्त
रूप
देने
के
लिए
राज्य
स्तर
पर
महिला
किसानों
का
सेमिनार
करने
का
निश्चय
किया
गया।
हर
मुहल्ले
से
1 महिला
किसानों
को
सेमिनार
में
लाना
है।
पैक्स
कार्यक्षेत्र
से
15 महिला
किसानों
को
सेमिनार
में
लाना
है।
हर
हाल
में
सूची
बनाकर
15 अप्रैल
तक
पटना
में
सूची
उपलब्ध
करा
देना
है।
वहीं वशिष्ठ
कुमार
सिंह
ने
कहा
कि
52 प्रखंडों
के
कैडरों
के
साथ
बैठक
करने
की
योजना
है।
एक
बार
फिर
से
स्टेट
काउंसिल
को
पुनर्गठित
करने
पर
बल
दिया
जा
रहा
है।
गांव-गांव
में
एकता
परिषद
गा्रम
ईकाई
और
मुद्दा
आधारित
ईकाई
बनाने
पर
जोर
दिया
जा
रहा
है।
मुद्दा
आधारित
ईकाई
में
भूमि
अधिकार,
वनाधिकार
2006, महिला
अधिकार,
स्वास्थ्य
अधिकार
,महिला
किसान
अधिकार,
आजीविका
अधिकार,
गांव
पुननिर्माण
अधिकार,
आवास
भूमि
अधिकार,
शिक्षा
अधिकार,
जल
अधिकार
आदि
ईकाई
बनाने
पर
जोर
दिया
जा
रहा
है।
आलोक कुमार
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