‘दिल्ली
हाट’की
तरह
पटना
में
भी ‘पटना हाट’का
निर्माण
शीघ्र-
मंत्री
देश
के
मुख्यधारा
से
मुख्य
सांस्कृतिक
धरोधरों
को
जोड़ने
का
प्रयास
पटना। औघोगिक परिसर
में
स्थित
पी
एंड
मॉल
के
पीछे
उपेन्द्र
महारथी
शिल्प
अनुसंधान
संस्थान
है।
मंगलवार
को
पाटलिपुत्र
के
प्रांगण
में
‘शिल्पोत्सव’
का
उघोग
मंत्री
श्रीमती
रेणु
कुमारी
कुशवाहा
के
कर
कमलों
से
दीप
प्रज्जवलित
कर
किया
गया।
इस
अवसर
पर
मंत्री
श्रीमती
रेणु
ने
कहा
कि
आज
शिल्पोत्सव
के
माध्यम
से
अपना
बिहार
अपनी
सांस्कृतिक
पहचान
के
नये
युग
में
प्रवेश
कर
रहा
है।
बिहार
के
अतीत
में
शिल्प
के
क्षेत्र
में
अवदान
का
इतिहास
रहा
है।
अपनी
कला
संस्कृति
का
बर्द्धन
करने
के
लिए
इसे
हम
देश
के
मुख्यधारा
से
मुख्य
सांस्कृतिक
धरोधरों
को
जोड़ने
का
प्रयास
किया
जा
रहा
है।
इसमें बिहार
के
समसामयिक
चित्रकार
भी
20 राष्ट्रीय
स्तर
के शिल्पियों के
साथ
अपनी
कला
का
सबके
सामने
सृजन
करेंगे।
यह
मेला
सीधे
बाजारवाद
की
एकरूपता
को
हमारी
कलात्मक
विविधता
का
जवाब
है।
शिल्पियों
को
प्रोत्साहित
करने
के
लिए
हम
‘दिल्ली
हाट’
की
तरह
पटना
में
भी
‘पटना
हाट’
का
निर्माण
करेंगे।
इसके
लिए
राशि
उपेन्द्र
महारथी
शिल्प
अनुसंधान
संस्थान
को
उपलब्ध
करा
दी
गयी
है।
मौके पर
देशभर से पधारे
राष्ट्रीय
स्तर
के
शिल्पियों
में
मो.
इमरान,
दिलीप
कुमार
पटनायक,
सुरेश
दास,
डा.
अजय
जेठली,
ब्रह्मदेव
पंडित,
राजकुमार
लाल, नेपाल मेहर,
मीरा
ठाकुर,
लिंगराज
महाराणा,मो.हनीफ
आदि
उपस्थित
थे।
इसके
अलावे
राज्य
स्तर
के
शिल्पकारों
में
वीणा
कुमारी,
फिरदौस
कैसर,
संगीता
कुमार,
शरद
कुमार,
अमरेश
कुमार,
प्रीतिलता,
कपिलदेव
प्रसाद,
कृष्णा
देवी,
फिरंगी
लाल
गुप्ता,
सैयद
दानिश,
कमाल
बख्त
के
साथ-साथ
समसामयिक
कलाकार
प्रो.
श्याम
शर्मा,
आनंदी
प्रसाद
बादल,विनय
कुमार,
मनोज
कुमार
बच्चन
और
भुनेश्वर
भाष्कर
को
पुष्प
गुच्छ
देकर
सम्मानित
किया
गया।
इस अवसर पर उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के चप्पे-चप्पे का आकर्षक ढंग से सजाया संवारा गया। पूरे प्रांगण में भिन्न-भिन्न विघाओं के हस्तशिल्प के स्टॉल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। करीब 60 विभिन्न तरह के स्टॉल लगाये गये हैं। जहां पर हस्तशिल्प कला की वस्तुओं की बिक्री की जा रही है। खाने-पीने की भी व्यवस्था की गयी है।