Friday 25 October 2013

दलित महिलाओं पर उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था पर जन सुनवाई के दौरान गया जिले के मामले उठे




बाराचट्टी। गया जिले के जिला पदाधिकारी और बाराचट्टी प्रखंड के अंचलाधिकारी के समक्ष गुहार लगाकर थकहार कर जयमूर्ति देवी ने आखिरकार ऑक्सफैम इंडिया, वाटर एड और यूके एड के संयुक्त तत्तावधान में आयोजित दलित महिलाओं पर उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था पर जन सुनवाई के दौरान व्यथा सुनायी। वहीं पारो देवी के नहीं आने पर वीडियोग्राफी के माध्यम से वन भूमि पर रहने वालों की व्यथा को सामने प्रस्तुत की गयी।
 इनके अलावे हालांकि 15 जिलों के 75 प्रकार के केस को चयन किया गया था। समयाभाव के कारण गया, सहरसा, भोजपुर, मधेपुरा, मधुबनी, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, जमुई और किशनगंज जिले के केस प्रस्तुत किया गया। इसके पूर्व आगत अतिथियों का स्वागत श्रीमती डॉ. शरद ने किया। ऑक्सफैम इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रविन्द कुमार प्रवीण ने जन सुनवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दिये। इस अवसर पर दिल्ली से आयीं लैंगिक न्याय के विशेषज्ञ जुली थेकुन्दन ने दलित महिलाओं के ऊपर हिंसा पर व्यापक जनवकालत करने पर जोर दिया।जनमनामक संस्था के संस्थापक निर्मित केस के बारे में आंकड़ा देकर समझाने का प्रयास किये। एससी/एसटी कमिशन के चेयरमैन  विघानंद विकल, दिल्ली हाई कोर्ट की अधिवक्ता आभा सिंघल जोशी और अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष सिस्टर सुधा वर्गीज को जन वकालत की जूरी सदस्य बनाये गये।
क्या था मामला जयमूर्ति देवी काः
गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के काहुदाग पंचायत के गजरागढ़ गांव में रहने वाले स्व. बंधू भईया के पुत्र बाना भूईयां को 1 दिसम्बर,1975 में सरकार के द्वारा 1.20 डिसमिल जमीन काहुदाग में दी गयी। खाता नं. 105, खेसरा नं. 1 और थाना नं.288 है। बाना भूईयां के पुत्र विरेन्द्र भूईयां हैं। अब विरेन्द्र भूईयां के पिता बाना भूईयां नहीं रहे। तब विरेन्द्र भूईयां और उनकी पत्नी जयमूर्ति देवी ने सरकार के द्वारा दी गयी जमीन के बारे में जानकारी हासिल किये तो पता चला कि काहुदाग गांव के मुन्शी यादव ने 1.20 डिसमिल जमीन पर जबरन कब्जा जमा लिये हैं। जब दोनों दम्पति जमीन पर कब्जा करने जाते हैं तो मुन्शी यादव डरा और धमकाकर भगा देता है। इसको लेकर जयमूर्ति देवी ने 18 मार्च,2013 को अंचलाधिकारी महोदय, बाराचट्टी को, 18 जुलाई,2013 को जिला पदाधिकारी महोदय को, 14 सितम्बर,2013 जिलाधिकारी महोदय को और 24 सितम्बर,2013 को अंचलाधिकारी महोदय को मेरे जमीन पर मुंशी यादव ग्राम काहुदाग द्वारा जबरन कब्जा कर घर बनाने एवं धमकी देने के संबंध विषयक आवेदन पेश किया। इस बीच 3 अगस्त,2013 को एक हजार दो सौ रूपए देकर जयमूर्ति देवी ने वर्ष 2013-2014 तक का मालगुजारी चुकता कर दी। अब जन सुनवाई की जूरी मामले को टेक केयर करेंगे। वहीं पारो देवी की गैरहाजिरी में वन भूमि पर रहने वालों की व्यथा को वीडियोग्राफी के माध्यम से पेश किया गया।
आलोक कुमार