बाराचट्टी।
गया जिले के
जिला पदाधिकारी और
बाराचट्टी प्रखंड के अंचलाधिकारी
के समक्ष गुहार
लगाकर थकहार कर
जयमूर्ति देवी ने
आखिरकार ऑक्सफैम इंडिया, वाटर
एड और यूके
एड के संयुक्त
तत्तावधान में आयोजित
दलित महिलाओं पर
उत्पीड़न और न्याय
व्यवस्था पर जन
सुनवाई के दौरान
व्यथा सुनायी। वहीं
पारो देवी के
नहीं आने पर
वीडियोग्राफी के माध्यम
से वन भूमि
पर रहने वालों
की व्यथा को
सामने प्रस्तुत की
गयी।
इनके
अलावे हालांकि 15 जिलों
के 75 प्रकार के
केस को चयन
किया गया था।
समयाभाव के कारण
गया, सहरसा, भोजपुर,
मधेपुरा, मधुबनी, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर,
भागलपुर, जमुई और
किशनगंज जिले के
केस प्रस्तुत किया
गया। इसके पूर्व
आगत अतिथियों का
स्वागत श्रीमती डॉ. शरद
ने किया। ऑक्सफैम
इंडिया के क्षेत्रीय
प्रबंधक प्रविन्द कुमार प्रवीण
ने जन सुनवाई
के बारे में
विस्तृत जानकारी दिये। इस
अवसर पर दिल्ली
से आयीं लैंगिक
न्याय के विशेषज्ञ
जुली थेकुन्दन ने
दलित महिलाओं के
ऊपर हिंसा पर
व्यापक जनवकालत करने पर
जोर दिया। ‘जनम’
नामक संस्था के
संस्थापक निर्मित केस के
बारे में आंकड़ा
देकर समझाने का
प्रयास किये। एससी/एसटी
कमिशन के चेयरमैन विघानंद
विकल, दिल्ली हाई
कोर्ट की अधिवक्ता
आभा सिंघल जोशी
और अल्पसंख्यक आयोग
की उपाध्यक्ष सिस्टर
सुधा वर्गीज को
जन वकालत की
जूरी सदस्य बनाये
गये।
क्या
था मामला जयमूर्ति
देवी काः
गया
जिले के बाराचट्टी
प्रखंड के काहुदाग
पंचायत के गजरागढ़
गांव में रहने
वाले स्व. बंधू
भईया के पुत्र
बाना भूईयां को
1 दिसम्बर,1975 में सरकार
के द्वारा 1.20 डिसमिल
जमीन काहुदाग में
दी गयी। खाता
नं. 105, खेसरा नं. 1 और
थाना नं.288 है।
बाना भूईयां के
पुत्र विरेन्द्र भूईयां
हैं। अब विरेन्द्र
भूईयां के पिता
बाना भूईयां नहीं
रहे। तब विरेन्द्र
भूईयां और उनकी
पत्नी जयमूर्ति देवी
ने सरकार के
द्वारा दी गयी
जमीन के बारे
में जानकारी हासिल
किये तो पता
चला कि काहुदाग
गांव के मुन्शी
यादव ने 1.20 डिसमिल
जमीन पर जबरन
कब्जा जमा लिये
हैं। जब दोनों
दम्पति जमीन पर
कब्जा करने जाते
हैं तो मुन्शी
यादव डरा और
धमकाकर भगा देता
है। इसको लेकर
जयमूर्ति देवी ने
18 मार्च,2013 को अंचलाधिकारी
महोदय, बाराचट्टी को, 18 जुलाई,2013
को जिला पदाधिकारी
महोदय को, 14 सितम्बर,2013
जिलाधिकारी महोदय को और
24 सितम्बर,2013 को अंचलाधिकारी
महोदय को मेरे
जमीन पर मुंशी
यादव ग्राम काहुदाग
द्वारा जबरन कब्जा
कर घर बनाने
एवं धमकी देने
के संबंध विषयक
आवेदन पेश किया।
इस बीच 3 अगस्त,2013
को एक हजार
दो सौ रूपए
देकर जयमूर्ति देवी
ने वर्ष 2013-2014 तक
का मालगुजारी चुकता
कर दी। अब
जन सुनवाई की
जूरी मामले को
टेक केयर करेंगे।
वहीं पारो देवी
की गैरहाजिरी में
वन भूमि पर
रहने वालों की
व्यथा को वीडियोग्राफी
के माध्यम से
पेश किया गया।
आलोक
कुमार