दानापुर। भारत की आत्मा गांव में बसती है। गांव के लोग सजग हो जाए। यहां के लोग अपने गांव को अपने हाथ में लेकर पुनः निर्माण की दिशा में कार्य करने लगे तो गांव को स्वर्ग बनाया जा सकता है। तब वहां के लोग शहर की ओर पलायन करना भूल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि गांधी और विनोबा के गांव में गौ रक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमलोग एक बुढ़ी से काफी फायदा उठा सकते हैं। गाय के गोबर से गोइंठा मिलता सकता है। गोबर और मूत्र से अमृत खाद बना सकते हैं। अपना शौचालय और गोबर से गोबर गैस प्लांट लगा सकते हैं। यहां से उत्तम जैविक खाद प्राप्त होगा। रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। गोबर गैस से भोजनादि बना सकते हैं। इससे वातावरण साफ भी रह सकता है।
पहले 18 हजार रूपए में गोबर गैस प्लांट लग जाता था। अब उसकी कीमत 50 हजार रूपए हो गए है। गव्य विभाग के द्वारा 25 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है। खादी वस्तओं के सेवन पर भी बल दिए।

अंत में सभी लोगों ने बेक टू विलेज अवधारणा को मान लिए। अगर सरकार के द्वारा गांव को स्वर्ग बनाने की दिशा में व्यवधान डाले तो 2020 में दस लाख लोग सड़क पर उतर जाएंगे। इसके बाद हम होंगे कामयाब के समवेत स्वरों के साथ प्रगति गा्रमीण विकास समिति के दो दिनों का रजत जयंती समारोह समाप्त हो गया।
Alok Kumar
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