Monday, 24 February 2014

विभिन्न तरह के साग में प्रचुर मात्रा में आयोडिन विराजमान



दानापुर। भारत की आत्मा गांव में बसती है। गांव के लोग सजग हो जाए। यहां के लोग अपने गांव को अपने हाथ में लेकर पुनः निर्माण की दिशा में कार्य करने लगे तो गांव को स्वर्ग बनाया जा सकता है। तब वहां के लोग शहर की ओर पलायन करना भूल जाएंगे।
सद्भावना आश्रम फाउंडेशन विनोबा आश्रम , भपटियाई , सुपौल के संस्थापक सूर्यनारायण भारती ने कहा कि भारत से अंग्रेजों को भगाने में सफलता प्राप्त किए है। परन्तु अब हम बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की गोद में चले गए हैं। उनके निर्मित उत्पाद का प्रयोग धड़ल्ले से करने लगे हैं। अब तो गांवघर में भी पोलिसमार चावल को मार्केट से खरीदकर खाने लगे हैं। महिलाएं मशाला पीसना ही भूलती जा रही है। रेडिमेड मशाला को खरीद कर प्रयोग कर रहे हैं। जो पॉकेट में बंद आयोडिन नमक का सेवन करते हैं। खुद को नसीब वाले समझते हैं। रकम के बल पर पॉकेटयुक्त नमक खरीदकर सेवन करते हैं। आपके पॉकेट की राशि व्यापारियों के माध्यम से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के जेब में चली जाती है। अगर आप रकम की बचत करना चाहते हैं कि तो बथूआ , लाल और पालक साग का सेवन करें। इनमें पर्याप्त मात्रा में आयोडिन है।
उन्होंने कहा कि गांधी और विनोबा के गांव में गौ रक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमलोग एक बुढ़ी से काफी फायदा उठा सकते हैं। गाय के गोबर से गोइंठा मिलता सकता है। गोबर और मूत्र से अमृत खाद बना सकते हैं। अपना शौचालय और गोबर से गोबर गैस प्लांट लगा सकते हैं। यहां से उत्तम जैविक खाद प्राप्त होगा। रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं। गोबर गैस से भोजनादि बना सकते हैं। इससे वातावरण साफ भी रह सकता है।
पहले 18 हजार रूपए में गोबर गैस प्लांट लग जाता था। अब उसकी कीमत 50 हजार रूपए हो गए है। गव्य विभाग के द्वारा 25 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है। खादी वस्तओं के सेवन पर भी बल दिए।
इसके पहले प्रैक्सिस से आए अनिंदो बनर्जी ने कहा कि एकता परिषद के द्वारा जल , जंगल , जमीन को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसमें प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी और और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आप लोगों के द्वारा काफी काम किया जा रहा है। जमीन का मुद्दा जटिल है। इस मुद्दे को कोई स्वीकार करना नहीं चाहता है। उन्होंने सरकार से भूमि सुधार को लागू करने का आग्रह किया।
अंत में सभी लोगों ने बेक टू विलेज अवधारणा को मान लिए। अगर सरकार के द्वारा गांव को स्वर्ग बनाने की दिशा में व्यवधान डाले तो 2020 में दस लाख लोग सड़क पर उतर जाएंगे। इसके बाद हम होंगे कामयाब के समवेत स्वरों के साथ प्रगति गा्रमीण विकास समिति के दो दिनों का रजत जयंती समारोह समाप्त हो गया।
Alok Kumar

  

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