Tuesday 1 April 2014

बिजली-पानी को लेकर सड़क पर उतरे लोग



Hard card Pepd slogan written on the water to not vote. The slogan has also elevated. Considerable number of women and children who take to the road, blocking the road.
दानापुर नगर परिषद के बगल में सहायक अभियंता लोक लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल दानापुर , पटना का कार्यालय है। जो जलमीनार की बुनियाद वाली जगह में ही कार्यालय बनाया गया है। इसी के बगल में कनीय अभियंता का भी कार्यालय है। सहायक अभियंता और कनीय अभियंता के जिम्मे में जलापूर्ति केन्द्र है। आज जब प्यासे लोग विभाग को घेरकर पानी आपूर्ति की मांग कर रहे थे। दोनों उपस्थित नहीं थे। दानापुर के अंचलाधिकार कुमार कुन्दन ने मोबाइल से ही प्यासे लोगों के समर्थन में बातचीत किए। आखिर क्या लोगों को आश्वासन और वादा करे। इस पर सहायक अभियंता रविन्द्र कुमार ने परसों बैठक बुलाने पर सहमत हो गए। इसके बाद घेराव खत्म हुआ।

दानापुर नगर परिषद के कार्यक्षेत्र में 6 जलापूर्ति केन्द्र हैः दानापुर नगर परिषद में 6 जलापूर्ति केन्द्र है। बाटागंज , नासरीगंज , तकियापर , चौधरीयाना , बीबीगंज और मॉडन स्कूल में है। इन 6 जलापूर्ति केन्द्रों को एकदूजे के साथ संयोजन कर दिया गया है। जो बीएस कॉलेज है। इसमें भी जलापूर्ति केन्द्र स्थापित है। इसको चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। बीएस कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि यह जलापूर्ति केन्द्र से बाहर के लोगों को पानी आपूर्ति नहीं किया जा सकता है। इसको लेकर प्रशासन , प्राचार्य और पब्लिक आमने - सामने गए हैं।
एरिया में होली के बाद से ही पानी की समस्या सामनेः आज नासरीगंज मोहल्ला के चाई टोला के दर्जनों लोगों ने बिजली और पानी को लेकर रोड पर धमके। रात्रिपहर ही दानापुर - पटना मुख्य मार्ग को चाई टोला , नासरीगंज के सामने जाम कर दिए। सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारा बुलंद किए। टायर जलाए और बांस लगाकर जाम कर दिए। जाम के कारण आवाजाही ठप होने से लोग परेशान होने लगे। जाम में दीघा थानाध्यक्ष अंतू दत्ता भी फंस गए। प्यासे लोगों की भावना को देखकर खाकी वर्दी का रौब डालना उचित नहीं समझे और अपनी निजी गाड़ी को घुमाकर अन्य मार्ग से दीघा थाना की ओर चले गए।
क्या कहते हैं तकियापर के जलापूर्ति केन्द्र के ऑपरेटर ? : तकियापर के जलापूर्ति केन्द्र के ऑपरेटर चन्द्रिका भगत का कहना है कि यहां पर तीन जलापूर्ति केन्द्र फेल हो गया है। जो 35 एचपी   था। अभी 10 एचपी का पम्प लगाकर कार्य निकाला जा रहा है। जिसके कारण लोगों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। अभी यहां पर शिफ्ट में काम होता है। सुबह 5 बजे से 10 बजे तक , 12 बजे से 2 बजे तक और 4 बजे से 9 बजे तक चलाया जाता है। इसके बावजूद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। जलमीनार के बारे में कहते हैं कि यह अब सफेद हाथी बन गया है। मात्र एक साल तक ही पानी चढ़ सका। जलापूर्ति केन्द्र फेल होने का सिलसिला 2001 से चालू होकर आज भी जारी है। तीन जलापूर्ति केन्द्र फेल हुआ है। जो जांच का विषय बन जाता है। यह संभावना है कि एक बार फिर बोरिंग करना ही होगा।
और 15 दिनों के अंदर 2 बार हो गया जाम : तकियापर के जलापूर्ति केन्द्र के द्वारा बेहतर ढंग से जलापूर्ति नहीं होने के कारण लोगों ने 15 दिनों के अंदर 2 बार दानापुर - पटना मुख्यमार्ग को जाम कर दिएं। चुनावी मौसम में जन प्रतिनिधियों के प्रभाव से नहीं घबड़ाने वाले प्रशासन आश्वासन देकर जाम तो हटा दिए। मगर लोगों को पानी नहीं उपलब्ध करा सके। 

Alok Kumar

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