पीएमसीएच में एसिड पीड़ित महिला को भर्त्ती समय हुई थी वर्षा की ठुकाई
पीएमसीएच प्रशासक ने ‘वर्षा’ के विरूद्ध दर्ज कराएं है मामला
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नवादा। महाराष्ट्र की रहने वाली हैं वर्षा जावलेकर। महाराष्ट्र से आने के बाद वह बिहार को ही कार्यक्षेत्र चयन किया। वह आरंभ में एकता परिषद की कार्यकत्री थीं। सामाजिक कार्य करने के दरम्यान कतिपय अनबन होने से संबंध विच्छेद कर ली। तब भी वह स्वतंत्र रूप से कार्य करती ही रहीं। इस बीच वर्षा जावलेकर ने ‘परिवर्तन केन्द्र’ नामक गैर सरकारी संस्था निर्माण कर लीं। इस समय वह परिवर्तन केन्द्र की सचिव हैं। परिवर्तन केन्द्र द्वारा विशेष तौर पर एसिड अटैक पीड़ितों के बीच में कार्य किया जाता है।
नवीनतम घटना यह है कि नवादा में रहने वाले मो. गयास खान की पुत्री सोनी परवीन और अफसरी परवीन पर बदमाशों ने 13 सितम्बर को एसिड थ्रो कर दिए। इससे दोनों बहने पीड़ित हो गयीं। फिलवक्त सोनी परवीन पी.एम.सी.एच. में और अफसरी परवीन सदर अस्पताल,नवादा में भर्त्ती हैं। दोनों की हालत खराब है। इस मसले में पुलिस ने मो. वेलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दी है। एक अन्य बदमाशा गिरफ्तार नहीं हो सका है।
सामाजिक कार्यकत्री असरीता टोप्पो ने कहा कि पी.एम.सी.एच. में सोनी परवीन भर्त्ती हैं।चिकित्सकों ने सोनी परवीन की गंभीर हालत को नजरांदाज कर रखा था। उसे जेनरल वार्ड में ही रखकर चिकित्सा किया जा रहा था। उसे स्पेशल केयर की जरूरत थी। 19 सितम्बर को परिवर्तन केन्द्र की सचिव वर्षा जावलेकर पी.एम.सी.एच. आयीं। सोनी की हालत देखकर चिकित्सक से बात करने गयीं। सोनी को आई.सी.यू. में भर्त्ती करके इलाज करने का आग्रह किया गया। इस पर चिकित्सक भड़क गए। चिकित्सकों का कहना है कि एन.जी.ओ.की सचिव ने चिकित्सक पर थप्पर रसीद कर दी। इसके बाद कनीय चिकित्सकों ने तथाकथित सचिव को जमकर ठुकाई कर दी गयी।
अपने कुकृत्य को सही ठहराने के लिए कनीय चिकित्सकों ने पी.एम.सी.एच. में हड़ताल शुरू कर दी। पी.एम.सी.एच. प्रशासन ने एन.जी.ओ. की सचिव वर्षा जवालेकर पर मामला दर्ज कर दिया है। उस पर 2 गैर
जमानती
मामला
दर्ज
किया
गया
है।
तब
जाकर
कनीय
चिकित्सकों
ने
दो
दिनों
के
बाद
हड़ताल
समाप्त
कर
दी।
परिवर्तन केन्द्र की सचिव वर्षा जावलेकर ने बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में लिखित मामला दायर किया हैं। आयोग ने 30 सितम्बर
तक
पी.एम.सी.एच.प्रशासन से मामले का जवाब देने को कहा है।वहीं इस मसले का लेकर महिला संगठन संगठित हो गयी हैं। महिला संगठन की अग्रणी नेता पद्मश्री सुधा वर्गीस ने आश्चर्य व्यक्त किया कि कनीय चिकित्सकों के दबाव में पी.एम.सी.एच.प्रशासन ने मामला दर्ज कराया है। जो गैर जमानती मामला है। कनीय चिकित्सकों ने वर्षा जावलेकर को जमकर पिटाई कर दी है। उससे आज भी उभर नहीं पायी है। हाथ ऊपर नहीं उठा पाती हैं।किसी तरह से हाथ ऊपर उठाकर आपबीती दर्द को दिखा पाती हैं। पुरूष प्रधान देश में पुरूषों के द्वारा महिलाओं पर एसिड अटैक की जाती है। ऐसे ही पीड़ित लोगों के बीच में वर्षा कार्य करती हैं। अब पुरूष मानसिकता के कारण महिला वर्षा को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसे हम महिला संगठन की बहनें बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आलोक कुमार
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