Wednesday 27 January 2016

सर्द हवाओं के बीच में पड़ गयीं बीमार नागमणि और राजमंति की असमय मौत


कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में बिन्द समुदाय के बीच पसरा मातम


नौकरशाह लिहाफ में मजे लेते रहे और लोग कपकपाते रहें

पटना। बिन्द टोली से विस्थापित लोग परेशान हैं। नौकरशाहों ने सर्द हवाओं में ही लोगों को आश्रयहीन बना दिये। लोग दीघा से उजड़कर और कुर्जी में आकर बसने लगे। गंगा नदी के किनारे और रेत के ऊपर ही लोगों को गुजारा करना हैं। अभी तक लोग दुरूस्त से बसे नहीं हैं। राजन महतो और दुर्गावती देवी की पुत्री नागमणि कुमारी को निमोरियों हो गया। नागमणि कुमारी के दादा देवेन्द्र महतो कहते हैं कि कोई 7 हजार रूपये इलाज में खर्च करने के बाद भी पोती को बचा नहीं पायें। अदिया महतो और परमशीला देवी की पुत्री राजमंति कुमारी को ठंड लगने से मौत हो गयी। स्वास्थ्य विभाग को कदम उठाने की जरूरत है। ताकि कुछ और असमय मौत न हो सके।
नागमणि 

कुर्जी बिन्द टोली में रहते हैं देवेन्द्र महतो और लीला देवीः इन दोनों के पुत्र राजन महतो और पुत्र वधु दुर्गावती हैं। राजन और दुर्गावती के सहयोग से बच्ची का जन्म हुआ। दुर्गावती का प्रथम प्रसव है।इन लोगों के घरों में 12 दिन पूर्व बच्ची का जन्म हुआ। बच्ची का नाम है नागमणि। जो निमोनिया की चपेट में आ गयी हैं। हालत गंभीर है।

जी, महज 5 दिन पहले ही ट्रैक्टर पर चढ़कर दुर्गावती आयी थीं। बिन्द टोली से कुर्जी बिन्द टोली आने समय में दुर्गावती की गोदी में 7 दिन की बच्ची नागमणि थीं। ट्रैक्टर पर मां और बेटी बैठी थीं। तेजी से ट्रैक्टर चलने से नागमणि हवा पी ली। कुर्जी बिन्द टोली में 1 दिन ही ठीक रहीं। उसके बाद 4 दिनों से बीमार हैं। पहले बुखार हुआ और उसके बाद निमोनिया की चपेट में पड़ गयी। तुरंत चिकित्सक के पास लिया गया। कुर्जी मोड़ के चिकित्सक के पास चिकित्सा करवा रही हैं। दवा-दारू चल रहा है। हरा रंग का मलत्याग कर रही हैं। अभी रात में सर्द हवा चलती है। इसके कारण मासूम बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। प्रशासन की ओर से कार्रवाई जरूरी है। 

 राजमंति
कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में हिलती-डूलती चलती थीं राजमंति कुमारीः अभी वह तेरह साल की थीं। जब चार साल की थीं तो शरीर से धात गिरने लगा। इसके बाद माहवारी होने लगा। अभी भी माहवारी की दौर से गुजरती थीं। इसके कारण काफी कमजोर हो गयी। वह हिलती-डूलती चलती थीं। राजमंति कुमारी की दीदी आशा देवी कहती हैं कि स्नायु में खराबी आ जाने के कारण शरीर हिलता था। दीघा अल्पना सिनेमा हॉल के सामने डाक्टर विनय कुमार सिंह से दिखाया गया। दवा-दारू चला और अब राशि नहीं रहने के कारण इलाज नहीं करा पा रहे थे।

गरीबी के दलदल में राजमंति कुमारी के परिवार। दीघा बिन्द टोली के झुग्गी -झोपड़ी में रहते थे। यहां से विस्थापित होने के बाद कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में अदिया महतो और परमशीला देवी रहती हैं। इनके पांच संतान हैं, चार लड़की और एक लड़का। सबसे छोटी लड़की राजमंति कुमारी थीं। इस बीच अदिया महतो की मौत हो गयी। विधवा परमशीला देवी को पेंशन मिलती है। राजमंति कुमारी को भी पेंशन मिलने की संभावना है। कुछ रकम संग्रह करने के बाद चिकित्सक से दिखाने का प्रस्ताव की थीं। शास्त्री नगर में स्थित जयप्रकाश हड्डी रोग हॉस्पिटल में स्नायु रोग विशेषज्ञ से दिखाया जाएगा। जो पूरा नहीं हो सका।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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