Monday 8 February 2016

मौनी अमावस्या के दिन महिलाओं ने गंगा नदी में डुबकी नहीं लगायी

लोकतंत्र के चारों स्तंभों के पास गुहार लगाने के बाद
सत्य-अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी की तस्वीर लेकर सत्याग्रह पर उतरे


पटना। पूर्व मध्य रेल परियोजना के तहत पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण। पाटलिपुत्र स्टेशन के पूर्व और पश्चिम में 274 परिवार बसे हैं। करीब 50 साल से निवास करते हैं। सरकार की ओर से बुनियादी सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। आंगनबाड़ी केन्द्र और प्राथमिक विघालय भी संचालित है। मगर सरकार द्वारा अबतक विस्थापित टेशलाल वर्मा नगर के लोगों को पुर्नवासित नहीं की गयी है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं सरकार ने दीघा बिन्द टोली और दीघा थाने के सामने रहने वालों को विस्थापित करके कुर्जी मोड़ के आगे गंगा किनारे 3 डिसमिल जमीन देकर पुर्नवासित कर दी गयी है। इससे टेशलाल वर्मा लोगों को संतोष है। यहां के लोगों का कहना है कि दीघा बिन्द टोली की जीत हमारी है,अब टेशलाल वर्मा नगर की बारी है। इसको अंजाम तक पहुंचाने को विस्थापित कार्यशील हैं। लोकतंत्र के चारों स्तंभ कार्यपालिका,न्यायपालिका,विधायिका और पत्रकारिता के समक्ष गुहार लगा चुके हैं। अब सत्य-अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर सत्याग्रह शुरू कर दिये हैं। 31 जनवरी 2016 से बेमियादी सत्याग्रह जारी है। 


इनलोगों की मांग है कि पूरब में रेलवे लाइन और पश्चिम में ओवरब्रिज बनाने के कारण 274 विस्थापित भूमिहीन गृहविहिन परिवारों को अतिशीघ्र बसाया जाय। गैमन इंडिया द्वारा तोड़े गए चापाकल के जगह पर नया चापाकल की व्यवस्था की जाय। मौजा धनौत थाना नम्बर 20 प्लॉट नम्बर 321,322 में दिये गये आवेदन पर कार्रवाही कर बन्दोबस्त की जाय और अतिशीघ्र बसाया जाय। मौजा सवाजपुरा थाना नम्बर 53 में दिये गये आवेदन पर अतिशीघ्र कार्रवाई  करते हुए बन्दोबस्ती किया जाय। रोड चौड़ीकरण के कारण चुल्हाईचक, अभिमन्युनगर और हरिदासपुर नहर चार्ट में बसे महादलित परिवारों और अन्य सभी को विस्थापित करने से पहले पुनर्वास किया जाय। शबरी नगर के परिवारों के बने हुए वासभूमि पर्चे को तुरंत वितरित किया जाय। कुशपुरम नहर पर ओवर ब्रिज से विस्थापित परिवारों को अतिशीघ्र बसाया जाय और दीघा मुसहरी नहर पर रोड चौड़ीकरण से विस्थापित परिवारों को अतिशीघ्र पुनर्वास किया जाय। धर्मेंद्र साव,अखिलेश साव, चनेश्वर बिन्द, संजय साव, रंजीत बिन्द, अमरजीत बिन्द, गुड्डू साव,रतन दास ज्ञानी राम आदि जमकर बैठे हैं। सत्याग्रह का नेतृत्व करने वालों में सुनील कुमार, ओमप्रकाश प्रसाद, हरिनारायण दास, किशोरी रविदास, बनारस बिन्द, शिवनन्दन बिन्द, उर्मिला देवी, देवंती देवी, साबो देवी, गोर्वधन साव आदि कर रहे हैं। 




आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 


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