Thursday 30 March 2017

महादलितों का कब्जा जमीन पर नहीं हो सका

पटना। शेखपुरा में महादलित मुसहर समुदाय के 20 परिवार झोपड़पट्टी में रहते थे। इसके अलावे बिन्द समुदाय के भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का घर बनने वाला था। चहारदीवारी उठाने में महादलितों और पिछड़ों की झोपड़ी बाधक बन रही थी। जिला प्रशसन ने एक ही झटके में झोपड़पट्टी हटा दिया। इसके एवज में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपर्णा कॉलोनी फेज- 2 के बगल में नाला के किनारे जमीन का पर्चा देकर मालिकाना हक दे दिया। यह वाक्या 1980 की है। तब से महादलितों का कब्जा जमीन पर नहीं हो सका। कई बार प्रयास किया गया। तब भी महादलितों को जमीन पर नहीं बसाया जा सका।

दस दिन पहले शेखपुरा में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव आये थे और स्व. राजेन्द्र मांझी की पत्नी मरच्छिया देवी को खोजने लगे। यह कहने लगे कि का हो मरच्छिया देवी मर गयी? 7 बच्चों की मां मरच्छिया देवी को लालू प्रसाद यादव जानते थे। वह जानवरों की देखभाल करती थीं। गोईठा पारती थी। इसके एवज में लालू प्रसाद यादव चावल और दाल देते थे। काम भी नहीं करने पर अनाज दे देते थे। इतना होने के बाद भी 4 लड़के मर गये। अभी 1 लड़का और 2 लड़की है। लड़का तुलसी मांझी है। जो पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल में सफाईकर्मी है।

इस बीच जब मरच्छिया देवी को ज्ञात हुआ कि लालू भइया पूछ रहे थे। तब मरच्छिया देवी पूर्व सीएम से मिलने पहुंची। साथ में जमीन का पर्चा लेकर गयी। उनसे कहा कि मइया जो जमीन दिये हैं उसको रसीद कटवा रहे हैं। जमीन का पर्चा मेरे साथ है मगर जमीन मेरे हाथ में नहीं है। इतना कहना था कि पूर्व सीएम ने कहा कि कागजात लेकर डीएम के पास जाओ। डीएम साहब ही करेंगे। इतना कहना था तो मरच्छिया देवी ने जमीन की कागजात लालू मइया के पास छोड़कर बार आ गयी। बाद में कागजात को पुलिस के सहारे मरच्छिया देवी के पास पहुंचाया गया।

पूर्व सीएम और राजद के सुप्रीमों की हैसियत से महादलितों का काम करवा देना चाहिए। अभी तक जमीन पर कब्जा नहीं है। रूपसपुर नहर के किनारे महादलित लोग रहते हैं। वहां पर सड़क निर्माण होने वाला है। यह जरूर है कि यहां से महादलितों को खदेड़ दिया जाएगा। अच्छा होता कि आफत आने के पहले लालू प्रसाद यादव जी डीएम से कहकर जमीन पर कब्जा दिलवा देते।


आलोक कुमार

No comments: