Monday 15 May 2017

अपने आचरण और विवेक को समाज में पेशकर नशामुक्त वार्ड बनाने का प्रयास करेंगे

पटना। आपके वार्ड पार्षद लायक हैं बाजीतपुर में रहने वाले अनूप चौधरी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत पहचान पत्र में जन्मतिथि 2002 में 35 साल दर्शाया गया है। इसका मतलब 1967 में जन्म लिये हैं। इसके आधार पर 50 साल के हैं। खैर, वे पेशेवर वॉल पेटिंग करते हैं। मजदूर के रूप में कार्य शुरू करने वाले अब ठेकेदार बन गये। बचपन से ही पचास वय तक कार्य करते रहने के कारण अधिकांश लोगों से संर्पक बन गया है। साथ ही जिनके घरों में रंग रोगन किये हैं उनके घर नयना विराम कर देने में सफलता पायी हैं ऐसे घरों के परिजनों से व्यक्तिगत पारिवारिक रिश्ते और अटूट संर्पक हो गया हैं। यह जनतंत्र के महापर्व चुनाव के समय भुनाने में सहायक सिद्ध होता है। यह उनका धरोहर बन गया है। जो पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 ए के चुनाव में कैश करने वाले हैं। सादगी के प्रतिमूर्ति हैं आपके वार्ड नम्बर-22 ए के प्रत्याशी अनूप चौधरी। किसी तरह के नशापान नहीं करते हैं।
अपने आचरण और विवेक को समाज में पेशकर नशामुक्त वार्ड बनाने का प्रयास करेंगे।
एक साक्षात्कार में वार्ड पार्षद प्रत्याशी अनूप चौधरी कहते हैं कि शुरू से ही सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों के प्रति रूझान और रूची रहा हैं। इस तरह की छवि में ही जन समुदाय ने स्वीकारा है। कहते हैं कि जन समुदाय के स्नेह के कारण 6 साल से ही दुर्गा पूजा समिति,बाजीतपुर नवयुवक संघ के अवैतनिक सचिव बने रहे। इसके प्रति जन समुदाय का आभारी हैं। यहीं नहीं 2006 से 2011 तक और 2011 से 2016 तक पंच रहे। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत के माननीय पंच रहे। अब जन समुदाय के विवेक पर निर्भर है कि पहली बार वार्ड पार्षद के मतदान समय में निवर्तमान पंच को पदोन्नत कर वार्ड पार्षद बना दे। 

वर्ष 1973 से 1997 साल तक दुर्गा पूजा समिति,बाजीतपुर नवयुवक संघ के सचिव रहे। कतिपय कारणों से 1997 से दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित नहीं की जा रही है। वार्ड नम्बर-22 ए के प्रत्याशी अनूप चौधरी कहते हैं कि अगर जन समुदाय ने मुझपर विश्वास किया तो 20 साल से बंद दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित करना शुरू कर दूंगा। 

 सामाजिक और धार्मिक सरोकारों के पैरवीकार रखने वाले अनूप चौधरी कहते हैं कि जन समुदाय के सामने बुनियादी पक्ष रखा हूं। संपूर्ण वार्ड नम्बर-22 ए का ख्याल रखूंगा। रोड पर बहते पानी को बंद करवाना प्रमुखता है भाई। जो भूगर्भ नाला है उसकी निकासी की व्यवस्था करूंगा। प्रत्याशी की मां तेतरी देवी कहती हैं कि यह अपने सामने की रोटी को दूसरों को देने में विश्वास रखता है। 75 साल की बुढ़ी मर गयी थीं। उसके परिजन पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत की मुखिया ममता देवी के पास गयी। कबीर अंत्येष्ठि योजना से राशि की मांग की। मुखिया जी स्पष्ट नेगेटिव जवाब दे दिये। यहां से आने के बाद अनूप चौधरी ने 1000 रू. दाह संस्कार करने के लिए दे दिये। उसी तरह एक मजदूर भूखे और प्यासे थे। मंयक कुमार को भी 1 हजार रू. दे दिए। उसकी मां तेतरी देवी आगे कहती हैं कि दरवाजे पर आने वाले व्यक्ति को खाली हाथ जाने नहीं देते हैं। यथासंभव सहायता करते ही है। उसकी मां तेतरी देवी यह खुलासा की है कि वर्ष 2005 और 2011 में उम मुखिया द्वारा रिश्वत देने का प्रयास किया गया कि यह राशि ले और उप मुखिया के समर्थन में मतदान करें। इस तरह का प्रस्ताव बैरंग अस्वीकार कर दिया। यहीं रवैया वार्ड पार्षद बनने के बाद भी रहेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफत करते रहेंगे। न खाएंगे और न ही खाने देंगे। 

आलोक कुमार




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