Tuesday, 30 August 2022

महज चार दिन के अंदर एक ने देहदान और दूसरे ने नेत्रदान किया

 पटनाः कभी विश्व प्रसिद्ध मालदह आम को लेकर दीघा पटना प्रसिद्ध था. इसके बाद अब बिहारवासियों को मरीन ड्राइव का मजा लेने के लिए मुंबई नहीं जाना पड़ रहा है.बल्कि पटना में ही खूबसुरत नजारों के बीच दीघा में ही पिकनिक मना सकते हैं. सबसे बड़ी बात ये कि मुंबई मरीन ड्राइव से कई ज्यादा एडवांस पटना का मरीन ड्राइव प्रतीत हो रहा है. इस बीच दो सज्जन व्यक्तियों ने  जीते जी रक्तदान और  मरणोपरांत नेत्रदान/देहदान का संकल्प पूरा को कर दिखाया है.महज चार दिनों के अंदर फादर जौन डिमेलो ने देहदान और बड़े भाई पुरुषोत्तम के सहयोग से छोटे भाई रोहित ने नेत्रदान कर दिया है.

फादर जौन डिमेलो के देहदान से चिकित्सा जगत को फायदा


फादर जौन डिमेलो ने अपने जीवन में समाज के जन जन की सेवा की और मरने के बाद भी समाज सेवा के लिए अपना शरीर मेडिकल साइंस को दान कर दिए ताकि मेडिकल के छात्र छात्राएं बेहतर पढ़ाई कर सके.फादर जौन डिमेला विख्यात विख्यात येसु समाज पटना जेसुइट प्रोविंस के पूर्व प्रोविंशियल थे. फादर जौन डिमेलो एक जेसुइट पुरोहित थे.वे एक जेसुइट के रूप में 65 साल कार्य किए.वहीं 56 साल पुरोहित का जीवन व्यतीत किए.खास बात है कि फादर डिमेलो ने 2012 में पीएमसीएच में जाकर देहदान करने की लिखित घोषणा कर दी थी.इस तरह पटना जेसुइट प्रोविंस के 65 पुरोहितों में प्रथम पुरोहित बने जो देहदान कर दिये.इसी तरह बिहारी ईसाइयों में भी प्रथम शरीर दान करने वाले बन गए हैं.उनका निधन 89 वर्ष में हुआ.

दीघा स्थित एक्सटीटीआई में पटना, बक्सर,मुजफ्फरपुर आदि धर्मप्रांतों के आम से खास लोग देहदान करने वाले फादर डिमेलो को श्रद्धांजलि और पार्थिव शरीर का दर्शन करने सैकड़ों लोग आए.इस अवसर पर बक्सर धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक सह निवर्तमान आर्चबिशप विलियम डिसूजा,मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के बिशप काजिटेन फ्रांसिस ओस्ता,फादर ग्रेगरी गोम्स के अलावे दर्जनों जेसुइट और धर्मप्रांतीय पुरोहितों ने पवित्र मिस्सा किए और आगंतुकों को ‘हैप्पी बर्थडे‘कहने वाले फादर डिमेलो को स्वर्गलोक में जगह देने के लिए सर्वेश्वर से प्रार्थना की. समाजसेवी एसके लौरेंस ने कहा कि किसी से मुलाकात होने के बाद फादर सबको हैप्पी बर्थडे कहते थे.अब हैप्पी बर्थडे कहने वाला हमलोगों के बीच नहीं रहे. परमेश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे.

फादर ग्रेगरी गोम्स ने प्रवचन दिए.उनके व्यक्तियों एवं कृतियों पर प्रकाश डाला.वहीं पटना जेसुइट प्रोविंस के प्रोविंशियल फादर डोनाल्ड जे मिरांडा ने फादर जौन डिमेलो के बारे में बताया कि फादर का जन्म 14.12.1932 को हुआ था.जब 25 वर्ष के थे,तब 20.06.1957 में ‘येसु समाज‘ में प्रवेश किए. विख्यात ‘येसु समाज‘ में प्रवेश करने के 9 साल के बाद 34 वर्ष में 09.06.1966 को विधिवत पुरोहित बने.उनका अंतिम मन्नत 45 साल में 26.01.1977 में पूरा किए.येसु समाजी बनकर 65 साल कार्य किए.इसमें 56 साल पुरोहित का जीवन था.

उन्होंने कहा कि संत माइकल हाई स्कूल के प्रिंसिपल भी रहे.कई पल्ली के पल्ली पुरोहित रहे.दीघा स्थित एक्सटीटीआई के रेक्टर रहे.विख्यात कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में अकाउंट्स डिपार्टमेंट में थे.कुर्जी होली फैमिली से जुड़े लोग फादर का व्यवहार के मुरीद थे.अब एक दूसरे से केवल यही कह रहे हैं कि ‘कइसे इनके भुलावा जइहे‘. 1983 में पटना जेसुइट प्रोविंस के प्रोविंशियल थे.

पवित्र मिस्सा के समापन पर पटना जेसुइट प्रोविंस के 65 पुरोहितों के बीच से देहदान करने वाले प्रथम पुरोहित फादर जौन डिमेलो का पार्थिव शरीर को पीएमसीएच भेजा गया. सूचना के अनुसार पार्थिव शरीर को पीएमसीएच ने स्वीकार कर लिया है.इस बीच फादर डिमेलो के कुछ बाल और नाखून को एक बॉक्स में रखकर प्रतीक के रूप में एक्सटीटीआई के कब्रिस्तान में दफन कर दिया.इस तरह एक अध्याय जन्म 14.12.1932 से निधन 24.08.2022 तक खत्म हुआ.दूसरा अध्याय 25.08.2022 से पीएमसीएच में शुरू हो गया.इस पार्थिव शरीर के अस्थियों से शिक्षण कार्य में उपयोग होगा.

इस अवसर पर फादर जौर्ज,फादर अमल राज,फादर जौर्ज शेखर, फादर जोआकिम ठाकुर, फादर फ्रांसिस जेवियर,फादर राजेश आदि लोग उपस्थित थे.


अब कोई शख्स रोहित की आंख से देख पाएगा

पटना नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल में पड़ता है वार्ड नम्बर-01.इस वार्ड में है दीघा घाट पाटीपुल है.पाटीपुल में रहते हैं पुरुषोत्तम. वे 2017 में वार्ड नम्बर-01 से चुनाव लड़े थे.काफी कम मतों से पराजित हो गये.इस समय दीघा विधानसभा अंतर्गत बीजेपी के दीघा मंडल के महामंत्री हैं.रविवार को पुरुषोत्तम जी को सदमा लगा,उनके छोटे भाई रोहित का निधन हो गया.


बताया जाता है कि अग्रज पुरुषोत्तम और अनुज रोहित के बीच याराना संबंध था.इस बीच पुरुषोत्तम का छोटे भाई रोहित बीमार पड़ गया.चिकित्सकों ने कहा कि रोहित किडनी रोग से पीड़ित हैं.उसे किडनी ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता है. बता दें कि अंतिम चरण का गुर्दा रोग, एक ऐसी स्थिति है जहां गुर्दे अपरिवर्तनीय रूप से खराब हो जाते हैं और अपनी सामान्य क्षमता की अपेक्षा सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत कार्यक्षमता से कार्य कर पाते हैं.अंतिम चरण में मरीज को जिंदा रखने के लिए रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट) की आवश्यकता होती है.

इसके आलोक में बड़े भाई पुरुषोत्तम ने किडनी रोग से पीड़ित छोटे भाई रोहित को किडनीदान कर दिया.दो साल के बाद रविवार को बड़े भाई का छोटे भाई रोहित का निधन हो गया. छोटे भाई रोहित के निधन के पश्चात बड़े भाई पुरुषोत्तम जी ने अपने भाई का नेत्र दान कर एक सकारात्मक पहल कर दिया है.अब कोई शख्स रोहित की आंख से देख पाएगा. जीते जी रक्तदान और  मरणोपरांत नेत्रदान /देहदान का संकल्प पूरा करवाने वाले पुरुषोत्तम को लोग धन्यवाद दे रहे हैं और उनके राह पर चलने पर बल दे रहे हैं.

महामंत्री पुरुषोत्तम जी के छोटे भाई के अंतिम संस्कार में दीघा विधानसभा के विधायक संजीव चौरसिया दीघा घाट पर सम्मिलित हुए.इनके अलावे अरविंद कुमार वर्मा, अचल कुमार सिन्हा,धर्मेंद्र यादव, मनोज यादव, एवीएन भाजपा परिवार से बहुत सारे कार्यकर्ता गण मोबाइल से ही पुरुषोत्तम जी के साथ हमदर्दी जता रहे थे.इस तरह संसद श्री रविशंकर प्रसाद ने पुरुषोत्तम जी से बात किया और हर सुख दुख में साथ देने का वादा किया.

आलोक कुमार


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