Tuesday, 4 April 2023

न्याय और शान्ति के लिए संघर्ष पर आधारित एक किताब की रचना श्री जूलियस रूबके ने की है

’न्याय और शान्ति के लिए संघर्ष’’ नामक पुस्तक का विमोचन’


 कटनी. मध्य प्रदेश में कटनी में ’’न्याय और शांति के लिए संघर्ष’’ नामक पुस्तक का विमोचन’ किया गया.इस अवसर पर .प्रख्यात गांधीवादी विचारक एकता परिषद के संस्थापक डॉक्टर राजगोपाल पी.व्ही. ने बताया कि न्याय और शान्ति के लिए संघर्ष पर आधारित एक किताब की रचना श्री जूलियस रूबके ने की है.

  उन्होंने कहा कि श्री जूलियस रूबके जर्मनी के एक वैज्ञानिक है, श्री रूबके द्वारा इसके पूर्व भागवत गीता को संस्कृत भाषा से जर्मन भाषा मे अनुवाद किया गया है. एक वैज्ञानिक होने के बावजूद भी सामाजिक मुद्दों पर इनकी गहरी पकड़ है. इसी कारण से करीब 20 वर्षों से निरन्तर एकता परिषद के कार्यक्रमों में भाग लेता रहा और अंततः लम्बे समय के उनके अनुभवों को उन्होंने एक किताब के रूप में समाज के सामने रखने का प्रयास किया है.

 उनके द्वारा प्रकाशित किताब का नाम न्याय और शांति के लिए संघर्ष नाम दिया है. इसमे भारत के और एकता परिषद का विस्तृत चित्रण है इसके साथ-साथ न्याय और शांति के लिए संघर्ष करने वालों की एक वैश्विक एकजुटता है इसकी भी इस किताब में जिक्र है.

 श्री  जूलियस  रूबके द्वारा प्रकाशित किये गये पुस्तक 700 पन्नो में फैला है और इसका मूल्य 2095 रुपये रखा है. दुनिया भर के समाजशास्त्री और शान्ति के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता इस किताब का अध्ययन कर रहे है और इससे प्रेरणा ले रहे है.

    इस किताब का भारत में पहला विमोचन मदुरई में, दूसरा विमोचन केरल के तिरुवनंतपुरम में और तीसरा विमोचन कल एकता परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बिजौरी कटनी में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रनसिंह परमार के द्वारा किया गया. कार्यक्रम में एकता परिषद के संस्थापक डॉक्टर राजगोपाल पी.व्ही., श्री अनीष कुमार के.के., श्री निर्भय सिंह, श्री संतोष सिंह, श्रीमती श्रद्धा कश्यप, श्री प्रदीप प्रियदर्शी, श्री सीताराम सोनवानी, श्री रमेश शर्मा, श्री प्रशांत कुमार पी.व्ही., श्रीमती सरस्वती उईके, श्री चुन्नू लाल सोरेन, श्रीमती प्रवासिनी राउत, सुश्री कस्तूरी पटेल, श्री भरत भूषण ठाकुर, सुश्री मेवा सहरिया, श्री विजय कुमार प्रधान, श्री सियाराम सहरिया, श्री डोंगर शर्मा, श्री मुरली दास संत, श्री रामस्वरूप तिवारी, आदि की उपस्थिति रही है.

इस किताब मे जिन कहानियों का वर्णन है उसमे अधिकतर मध्यप्रदेश से जुड़ा हुआ है. एकता परिषद द्वारा आयोजित लम्बी पद यात्राओं का जिक्र और उन कार्यक्रमों के पीछे काम करने वाले निष्ठावान ग्रामीण युवाओं के जिक्र भी अलग-अलग पन्ने में आपको देखने को मिलेगा. कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि समाजसेवी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण मे और कार्यकुशलता बढ़ाने मे इस किताब की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

आलोक कुमार

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