Monday 1 April 2013

सिर्फ 179711 परिवार ही निबंधित


राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से 3120024 परिवार वंचित

सिर्फ 179711 परिवार ही निबंधित

 गया। इन दिनों पैक्स (डीएफआईडी) के द्वारा चयनित गैर सरकारी संस्थाओं को विविध मुद्दों को अमलीजामा पहनाने के लिए सहयोग दिया जाता है। इस समय सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के बीच में मुद्दे को लेकर संबंध बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। खासकर महात्मा गांधी नरेगा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसमें सुशासन सरकार के अधिकारी भी दिलचस्पी ले रहे हैं।

पैक्स के सहयोग से गया जिले में प्रगति ग्रामीण विकास समिति कार्यशील है। भूमि अधिकार, स्वास्थ्य और मनरेगा में कार्य किया जाता है। इस जिले की स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को प्रायवेट हॉस्पीटलों के हाथ में पूर्णतः सौंप दिया गया है। इस तरह पब्लिक हॉस्पीटल अथवा क्लिनिक की स्थिति शून्य हो गयी है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जारी स्मार्ट कार्डधारी के सहारे 25 प्रायवेट हॉस्पीटल अथवा क्लिनिक में जाकर चिकित्सा करा सकते हैं। स्मार्ट कार्ड का 1 दिसंबर 20012 को नवीनीकरण किया गया था। स्मार्ट कार्डधारियों को 30 नवम्बर 2013 के पहले ही पुनः नवीनीकरण करा लेना पड़ेगा।

  राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में गया जिले के कुल 491735 लक्षित परिवार निर्धारित किया गया। अगर-मगर करके निर्धारित लक्षित परिवारों में से सिर्फ 179711 परिवारों को ही निबंधित किया जा सका। शतप्रतिशत उपलब्धि पाने की वजह सरकारी और बैंककर्मियों की उदासीनता है। इसके कारण कुल 3120024 परिवारों को बीमा लाभ से वंचित रह गये। भाई साहब केवल प्रस्ताव और लक्ष्य निर्धारित कर देने से काम नहीं बनता और ही होता है। इसे जरूर ही मुस्तैदी से लागू करने के लिए दिलचस्पी दिखाने की जरूरत है।

   बताते चले कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों को मात्रः 30 रूपये में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 30 हजार रूपये का बीमा किया जाता है। इसके तहत स्मार्ट कार्ड दिया जाता है। इसमें पांच लोगों को हॉस्पीटल में भर्ती करके इलाज किया जाता है। इससे रूरल पीपुल्स को काफी फायदा होता है। हालांकि पर्याप्त जानकारी नहीं होने के कारण लाभ से वंचित भी हो जाते हैं। प्रत्येक साल 30 रूपये भी लगाना नहीं चाहते हैं। ऐसा करने से नवीनीकरण नहीं हो पाता है। इसका यह असर होता है कि 30 हजार रूपये की राशि वाली बीमा योजना से वंचित हो जाते हैं।

 जानकारी के अनुसार अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को विस्तार किया जा रहे है। अव्वल महात्मा गांधी नरेगा के श्रमिकों को दायरे में लाया जाएगा। मगर एक शर्त लगा दिया गया है कि जो श्रमिक चालू वर्ष में कम से कम 15 दिनों तक लगातार कार्य किया होगा। उसे अगले साल योजना से जोड़ दिया जाएगा। इससे जाहिर है कि सरकार एक तीर से दो हित साधना चाह रही है। महात्मा गांधी मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार के प्रति रूचि विकसित होगी और योजना के दायरे में बढ़ोतरी हो जाएगी।