Friday 25 October 2013

नेताओं की तरह आश्वासन देने वाले आलाधिकारी हमाम में नंगे






अब भी आरोपित छुट्टे साढ़ की तरह घुम रहे हैं। जो तीन साल से जारी है

पटना। दलित महिलाओं पर उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था पर जन सुनवाई का आयोजन ऑक्सफैम इंडिया, वाटर एड और यूके एड ने किया था। मौके पर 15 जिले के 75 केस संग्रह किया गया गया। इसमें आधे दर्जन ही केस को शामिल किया जा सका। इस अवसर पर राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विघानंद विकल ने कहा कि थाने के स्तर के कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है। अब भी एससी/एसटी/अल्पसंख्यक थाने की स्थिति बेहतर नहीं है। पहले दलितों के अत्याचार होने वाले मामले में आई..जमादार होते थे। इन जमादारों के कारण ही पटना उच्च न्यायालय ने बेहतर ढंग से चार्जशीट नहीं पेश कर सकने के कारण पटना उच्च न्यायालय ने करीब 10 हजार की संख्या में मामले खारिज कर दिया। काफी प्रयास करने के बाद अब आई..डीएसपी हो गये हैं। मगर अब सरकार के द्वारा इंस्पेक्टर स्तर के लोगों को भी आई.. बनाने का प्रयास हो रहा है। इससे नीचे आयोग को स्वीकार्य नहीं होगा। अब तीस दिनों के अंदर चार्जशीट पेश कर देना है। अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आयोग के निशाने पर आई.. जाएंगे।
अब जमाना बदल गया हैः
अब जमाना बदल गया है। गांवघर के बेटा और गांवघर की बेटी कहने वाले और सम्मान देने वाले नहीं रहे। अब तो अपने ही घर के बगल वाली दुकान में जाकर समान खरीदना खतरे से खाली नहीं है। अवसरवादी घात लगाकर बैठे रहते हैं। जैसे ही मौका मिलता है। ऐसे लोग अपने मतलब में फतर पा लेते हैं। इसी तरह की घटना अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के सभागार में आयोजित जन सुनवाई के दौरान सामने आयी। सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के सहरसा थानान्तर्गत पशु पालन कॉलोनी के वार्ड नम्बर-2 में राकेश राउत रहते हैं। इनकी पत्नी का नाम जुली देवी है। महादलित दम्पति के तीन बच्चे हैं। वर्षा कुमारी (9 साल), ध्रुव कुमार (7 साल) और सृष्टि कुमारी (4 साल) है। 27 अक्तूबर, 2010 की शाम में वर्षा कुमारी की मां जुली देवी ने वर्षा कुमारी को बगल में जाकर विदुर यादव की दुकान से दीयासलाई लाने के लिए भेज दी। जब काफी देर हो गयी और वर्षा कुमारी घर नहीं आयीं तो मां मचल उठी। बगल वाली दुकान के दुकानदार विदुर यादव से पूछ बैठी की वर्षा दीयासलाई लेने आयीं थीं फिर घर वापस नहीं लौटी हैं। दुकानदार विदुर यादव ने कहा कि वह तो कब के ही दीयासलाई लेकर चली गयी। इसके बाद मां-बाप बच्चे की तलाश करने लगे। थाने में जाकर सूचना दी गयी तो थानेदार ध्यान नहीं दिया और कहा कि रातभर खोज लो। थानेदार की बात पर खोजने में हारकर घर गयी। इस बीच किसी की चिल्लाहट की आवाज सुनायी थी। परन्तु ध्यान उस ओर नहीं गया।
काली रात की सुबह पर होने पर रामचन्द्र की पोती ने खोली रात की सच्चाईः
जब काली रात की सुबह हो गयी तो नित्यक्रम करने रामचन्द्र की पोती मैदान में गयी थीं। वहीं पर किसी की लाश देखकर भौंचक हो गयी। जोरजोर से आवाज करने लगी। आसपास के लोगों के साथ राकेश राउत और जुली देवी भी दौड़ लगाकर पहुंच गयी। 28 अक्तूबर,2013 को वर्षा को उठाकर सदर अनुमंडल अस्पतला, सहरसा लाया गया। जहां चिकित्सकों ने वर्षा कुमारी को मृत घोशित कर दिया। पोस्टमार्टम करने के बाद 11:30 बजे लाश मां-बाप को मिला। पोस्टमार्टम में गला दबाकर मारने की पुष्टि हुई। इसके कारण गला में सुजन हो गया था। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। बगल में ही गड्डा खोदकर दफन कर दिया गया। अगले दिन सहरसा थाने में मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में विदुर यादव, सुभाष यादव, कन्हैया यादव और नयन शर्मा पर दफा 366 ()/302/120 बी (361) लगाया गया। सामूहिक बलात्कार और हत्या के एवज में वर्षा कुमारी की मां-बाप को जिला प्रशासन ने 75 हजार रू. दिया।

अपराधियों को गिरफ्तार करवाने के सिलसिले में मैराथन दौड़ जारीः
एफआईआर में नामजद विदुर यादव, सुभाष यादव, कन्हैया यादव और नयन शर्मा को गिरफ्तार करवाने के सिलसिले में राकेश राउत का मैराथन दौड़ जारी है। सहरसा से पटना तक दौड़ लगा चुके हैं। सभी पुलिस आलाधिकारियों ने जल्द ही गिरफ्तार करवाने और कुर्की जब्ती का आश्वासन देते रहे। नेताओं की तरह आश्वासन देने वाले आलाधिकारी हमाम में नंगे हो गये हैं। अब भी आरोपित छुट्टे साढ़ की तरह घुम रहे हैं। जो तीन साल से जारी है।
आलोक कुमार