बंगलौर।
दिल्ली में दामिनी
के संग बस
में सामूहिक बलात्कार
के बाद अब
बंगलौर की भी
महिलाएं सहम गयी
हैं। इन लोगों
ने कर्नाटक सरकार
के परिवहन मंत्री
श्री रामलिंगा रेड्डी
से आग्रह किये
हैं कि हुजूर
बंगलौर महानगर परिवहन निगम
में कम से
कम महिलाओं को
सुरक्षित यात्रा करने की
व्यवस्था कर दें।
कर्नाटक
सरकार के परिवहन
मंत्री श्री रामलिंगा
रेड्डी ,बंगलौर महानगर परिवहन
निगम के मुख्य
यातायात प्रबंधक (संचालन ) , लालकृष्ण
एस विश्वनाथ और बंगलौर
महानगर परिवहन निगम के
प्रबंध निदेशक अंजुम परवेज
से आग्रह किया
गया है कि
देश में सबसे
कुशल सिटी बस
सेवाओं में शुमार
बंगलौर महानगर परिवहन निगम
से खिलवाड़ करना
बंद कर दें। इस
समय निगम के
द्वारा संचालित बस सेवाओं
में महिला यात्रियों
के लिए सुरक्षित
नहीं है। इसके
आलोक में महिला
यात्रियों की सुरक्षित
यात्रा सुनिश्चित करने की
दिशा में ठोस
कदम उठाने की
जरूरत है।
प्रायः
यह देखा जाता
है कि बंगलौर
महानगर परिवहन निगम की
बस पर पुरुषों
का एकाधिकार है।
इस बस पर
अक्सर महिलाओं की
हिस्से वाली सीटों
पर पुरूश कब्जा
कर लेते हैं।
यह व्यवस्था हो
कि कोई भी
पुरूष सीधे महिलाओं
की सीट पर
न बैठे। सीट
पर बैठने के
सवाल पर कहासुनी
के खिलाफ किसी
तरह के महिला
उत्पीड़न अथवा हिंसा
का किसी तरह
का कानून नहीं
बना है। इसे
ओर ध्यान देने
की जरूरत है।
महिला हिंसा को
नारी उत्पीड़न अधिनिमय
के अंदर समावेश
कर लेना चाहिए।
वहीं
पुरुषों द्वारा के द्वारा
बस के अंदर
और बाहर भी
महिलाएं खुद को
असुरक्षित महसूस करती हैं।
पुरूष बस स्टॉप
से पीछा करते-करते बस
पर भी सवार
हो जाते हैं।
यानी बस स्टॉप
से लेकर बस
के अंदर भी
छेड़खानी करने से
बाज नहीं आते
हैं। इसके अलावा
पुरुषों द्वारा विशेष रूप
से बस स्टैंड
और बस डिपों
में परेशान कर
रहे हैं .
हद
तो उस समय
हो जाता है
जब परेशान महिलाओं
के द्वारा बस
के अंदर परेशान
होने पर बस
कडंक्टर से मदद
करने का गुहार
लगाती हैं। उल्टे
मदद करने के
बदले बस
कंडक्टर के
साथ ड्राइवर भी
महिलाओं पर हमला
करने वालों के
पक्षधर बनकर महिलाओं
को ही गाली
देने पर उतारू
हो जाते हैं।
कुछ
दिनों से देखा
जा रहा है
कि बस कंडक्टर और
ड्राइवर ही खुद
महिलाओं के खिलाफ
यौन हिंसा के
दोषी और अपराधी
रहे हैं। महिला
उत्पीड़न के मामले
में कॉल करने
के लिए उनके
लिए उपलब्ध एक
हेल्पलाइन चाहे एक
शिकायत दर्ज करने
के बारे में
सही सही जानकारी
नहीं है। शिकायत
कैसे करें उसका
पता ही नहीं
मालूम है। वास्तव
में बस में
भीड़भाड़ का लाभ
अपराधियों को मिल
जाता है। बस
और बस के
बाहर महिलाओं के
साथ लगातार यौन
उत्पीड़न में वृद्धि
होने की खबर
है।
इन
समस्याओं को समाधान
करने का अनुरोधः
सभी प्रमुख बस
स्टैंड पर पुलिस
की उपस्थिति सुनिश्चित
करें, ये डिजाइन
बस घटनाओं को
रोकने के लिए
पर्याप्त है। रोड
क्रॉसिंग के बजाय
भूमिगत ( सड़क स्तर
) पर होना चाहिए,
जब परेशान महिलाएं
फोन करती हैं।
तो तुरंत पुलिस
मदद करने के
लिए पहुंचे। हेल्पलाइन
को दुरूस्त किया
जाए। सभी हेल्पलाइन
के नम्बरों को
बस स्टॉप और
अन्य प्रमुख जगहों
पर प्रमुखता से
प्रदर्शित किया जाए।
जब किसी महिला
को बस के
अंदर यौन प्रताड़ना
किया जा रहा
है। तो कडंक्डर
तुरंत दरवाजा बंद
कर दें। बस
के चालक बस को
नजदीकी पुलिस स्टेशन की
ओर चल पड़े।
इस पर पुलिस
सख्त कार्रवाई करें। पुलिस
के द्वारा सभी
बसों में स्थापित
अपराधियों पर कड़ी
नजर रखे। बस
के अंदर और
बाहर यौन उत्पीड़न
करने वाले अपराधियों
पर नजर रखने
और गिरफ्तार कर
दिया जाए। सीसीटीवी
कैमरा लगाने की
मांग की गयी।
अमला
दसरथी,
सामाजिक
कार्यकर्ता