Saturday 4 January 2014

जी हां, आज शनिवार है.....


पटना। पहले काले कौआ की बोली को सुनकर हमलोग आभास लगाते थे कि कोई आने वाले हैं। अब आप दिन भी पता लगा सकते हैं कि आज कौन दिन है। पीली साड़ी पहने वाला दिन शुक्रवार है। उसी तरह अब काले धांगे में नीम्बू,मिर्च और एक टुकड़ा लहसून को माला बनाकर चलने वाले को देखने से पता चल जाएगा कि आज शनिचर है।
दानापुर प्रखंड के बीबीगंज मोहल्ले में एक शख्स रहता है। वह अपने हाथ में काले धांगे में गूथा नीम्बू,मिर्च और एक लहसून का टुकड़ा को देख कर शनिचर का दिन याद कर लेंगे। उसका दावा है कि इसे घर अथवा दुकान में लगाने से शनिचरा ग्रह रफ्फू चक्कर हो जाता है। हालांकि उसका कोई वैज्ञानिक शोध नहीं है। वह दरदर घूमकर शनिचरा ग्रह को भगाने का कार्य करता है। उसका कहना है कि मात्रः तीन रू. में ग्रह उतर जाता है तो उसमें हर्ज ही क्या है? यह तीन रू.आता और जाता ही रहता है।
पटना के बाद दानापुर के लोग को शनिचरा ग्रह को शांत करने वाले धंधे में लग गये हैं। ऐसा हो कि यह धंधा भी कुटीर उघोग का रूप लें। जिस प्रकार अभी महुआ और मिट्ठा का दारू ने घर-घर में बनने लगा है। आखिर कबतक अंधविश्वास के ज्वाला में लोग फंसे रहेंगे। इस ओर सरकार मौन धारण कर रखी है। ऐसे लोगों पर लगाम लगाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
आलोक कुमार