संपूर्ण माजरा
यह
है
कि
पटना
से
जन
शताब्दी
सुपरफास्ट
निश्चित
समय
पर
गया
पहुंची।
इस
बीच
रांची
प्रस्थान
करने
वाले
मार्ग
पर
किसी
तरह
की
घटना
हो
गयी।
गांव
के
लोग
घटना
वाले
शख्स
को
इंसाफ
दिलवाने
के
लिए
रेलवे
पटरी
पर
धरना
और
प्रदर्शन
करने
लगे।
पूर्व
मध्य
रेलवे
के
अधिकारियों
के
द्वारा
मुवाफजा
और
एक
व्यक्ति
को
रेलवे
में
नौकरी
देने
का
आश्वासन
के
बाद
ही
11 बजकर
15 मिटन
पर
गया
से
सुपरफास्ट
को
रवाना
किया
गया।
विलम्ब
से
आने
के
मतलब
विलम्ब
से
आना
भी
है।
मगर
रेलवे
के
द्वारा
यात्रियों
को
किसी
तरह
की
सूचना
नहीं
दी
गयी।
जब सवारी
गाड़ी
पटना
से
आकर
गया
में
पुनः
पटना
वापस
प्रस्थान
होने
वाली
थी।
ग्रीन
सिंगनल
देने
के
बाद
घोषणा
की
गयी
कि
सुपरफास्ट
10 बजकर
30 बजे
रात्रि
गया
में
पहुंचने
की
सूचना
है।
विलम्ब
से
सूचना
होने
के
कारण
सुपरफास्ट
के
टिकट
लेने
वाले
टिकट
को
रद्द
नहीं
करवा
सके।
इसके अलावे
जिन
यात्रियों
ने
स्टेशन
पर
दुकान
खोलकर
रोजगार
किए
हैं।
उनसे
पूछताछ
करके
वस्तु
स्थिति
की
जानकारी
लेकर
सुपरफास्ट
के
टिकट
वापस
किए।
उसे
भी
चेंज
नहीं
रहने
का
बहाना
बनाकर
5 रू . का
चूना
लगा
दिया
गया।
वहीं
एक
महिला
टिकट
बनाने
वाली
गोरखधंधा
करने
पर
उतर
गयी
हैं।
यात्री
लोगों
को
कम
पैसा
वापस
लौटाती
हैं।
तीन
लोगों
के
द्वारा
विरोध
करने
पर
उक्त
महिला
ने
रकम
वापस
की
है।
इस
संवाददाता
को
भी
12 रू .
कम
रकम
दी।
रकम
मिलाने
के
बाद
रकम
की
मांग
करने
के
बाद
सिर्फ
10 रू .
वापस
की
है।
यह
भी
खबर
है
कि
सुपरफास्ट
में
चढ़ने
वाले
लोगों
से
टीटी
20 रू .
वसूली
करके
जेब
गरम
करते
रहता
है।
यात्रियों
ने
कहा
कि
यहां
पर
आम
बात
है।
सुधार
करने
की
जरूरत
है।
Alok Kumar
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