पटना। श्रम विभाग के सचिव
संजय
कुमार
ने
कहा
है
कि
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
के
तहत
2008 में
1 करोड़
83 लाख
लोगों
को
स्मार्ट
कार्ड
बना
था।
इसमें
सिर्फ
7 लाख
से
कम
ही
लोगों
ने
स्मार्ट
कार्ड
का उपयोग कर सके।
3.8 प्रतिशत
इस्तेमाल
करने
वाले
प्रति
व्यक्ति
के
हिस्से
महज
6 से
7 हजार
रूपए
ही
गया।
जब
कि
5 सदस्य
के
हिस्से
में
30 हजार
रूपए
जाना
ही
चाहिए।
वहीं 12 हजार पैकेज में
केवल
6 हजार
पैकेज
का
ही
उपयोग
किया
गया।
इससे
साफ
जाहिर
हो
रहा
है
कि
योजना
में
सुधार
करने
की
गुजांइश
है।
पैक्स के
तत्वावधान
में
स्टेट
लेबल
मल्टी
स्टेटहोल्डर
कंसस्लटेसन
में
श्रम विभाग के सचिव
संजय
कुमार
ने
पैक्स
के
द्वारा
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
को
लेकर
निर्मित
उर्दू
में
सवालों
के
बुकलेट
का
आवरण
किया
गया।
इस
अवसर
पर
सचिव
महोदय
ने
आगे
कहा
कि
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
के
तहत
बारम्बार
टेंडर
लेने
की
जरूरत
नहीं
है।
टेंडर
लेने
और
देने
के
चक्कर
में
37 जिलों
में
बीपीएल
वाले
जिनको
स्मार्ट
कार्ड
निर्गत
किया
गया
है।
उसका
इलाज
नहीं
हो
रहा
है।
होना
यह
चाहिए
कि
जिस
जिले
में
बेहतर
ढंग
से
इंश्योरेंस
कार्य
किया
गया
है।
उसे
तुरंत
कार्य
आरंभ
करने
की
जिम्मवारी
देना
चाहिए।
अभी
इंश्योरेंस
वालों
को
टेंडर
दिया
जाता
है।
इसके
बाद इंश्योरेंस करने
वाले
4 माह
स्मार्ट
कार्ड
बनाने
में
लगाते
हैं।
इसके
बाद
ही इंश्योरेंस वाले
स्मार्टकार्डधारियों
को
12 माह
के
लिए
बीमित
करते
हैं।
श्रम विभाग
के
सचिव
ने
स्पष्ट
तौर
पर
कहा
कि
जिनके
शरीर
पर
ऑपरेशन
किया
जाता
है।
उनको
यह
जानने
का
अधिकार
है
कि
उनका
क्या
और
कौन-सा
ऑपरेशन
होने
वाला
है।
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
के
तहत
20 प्रतिशत
गर्भाश्य
का
ऑपरेशन
कर
दिए।
इसको
लेकर
संपूर्ण
बिहार
में
भूचाल
आ
गया।
इसको
लेकर
नॉडेल
एजेंसी
के
बदले
बिहार
राज्य
श्रमिक
समिति
बनायी
गयी
है।
इसमें
93 पोस्ट
सृजित
किया
गया
है।
3 से
4 माह
में
कार्यशील
हो
जाएगा।
अभी
केवल
इन
पेसेंट्स
को
ही
लाभ
मिलता
है।
उसको
ओपीडी
की
सुविधा
उपलब्ध
करा
दी
जाएगी।
इसके पहले
पैक्स
की
परियोजना
पदाधिकारी
आरती
वर्मा
ने
कहा
कि
पैक्स
बिहार
के
द्वारा
14 जिलों
में
कार्य
किया
जाता
है।
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
में
32 सदस्यीय
टीम
है।
50 कोर्डिनेटर
हैं।
160 स्टाफ
हैं।
जन
संगठन
के
3000 सदस्य
हैं।
8 माह
के
अंदर
130 अस्पतालों
में
अभ्यागन
किया
गया
है।
पैक्स
के
सहयोग
से
500 स्मार्टकार्डधारियों को फायदा करवाया
गया
है।
और
अधिक
कार्य
करने
के
लिए
6000 हजार
आरएसबीवाई
मित्र
बनाया
जा
रहा
है।
जो
गांवघर
में
स्मार्टकार्डधारियों
को
दिशा
निर्देश
देते
रहेंगे।
पैक्स के
द्वारा
पहली
बार
आयोजित
स्टेट
लेबल
मल्टी
स्टेटहोल्डर
कंसस्लटेसन
में
सरकार,
गैर
सरकारी
संस्था
इंश्योरेंस,
चिकित्सक
और
लाभान्वित
अपने
पक्ष
रखे।
पक्ष
और
विचार
रखने
वालों
में
चार्म
के
शकीलुर
रहमान,
अरमान
सुहैल,
प्रगति
ग्रामीण
विकास
समिति
के
अनिमेश
निरंजन,
प्रयास
ग्रामीण
विकास
समिति
के
धर्मराज,
यर्थात
के
भास्कर
मिश्रा,
निदान
के
राकेश
जी,
इजाद
के
शमसूद
आमल,
डा0
आशुतोष,
डा0
सत्यजीत,
डा0
बालमुकुन्द,
श्री
प्रकाश,
राजपाल
आदि
ने
विचार
रखें।
अन्त
में
सभी
लोगों
ने
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
को
बेहतर
से
बेहतर
बनाने
में
योगदान
देने
में
सहमति
व्यक्त
किए।
वहीं
बीड़ी
बनाने
वाले,
मनरेगा
में
15 दिनों
तक
कार्य
करने
वाले,
रिक्शा
चलाने
वाले,
वेंडर
आदि
को
भी
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
करने
के
तहत
लाभान्वित
करवाने
की
मांग
की
गयी।
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
बीमा
योजना
के
तहत
निर्मित
पैकेज
में
सुधार
करने
की
भी
मांग
की गयी।
आलोक कुमार
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