16 अपराधियों को आजीवन कारावास, 10 हजार दण्ड भी
पाकुड़। इधर झारखंडी 11 वीं
स्थापना
दिवस
15.11.2011 को
मना
रहे
थे।
उधर
सामाजिक
कार्यकत्री
सिस्टर
वालसा
जोन
की
हत्या
कर
दी
गयी।
आज
16 अक्टूबर
2015 को
न्यायालय
ने
16 अपराधियों
को
आजीवन
कारावास
की
सजा
सुना
दी।
इसके
साथ
10-10 हजार
रू.का दण्ड भी सुनाया।सिस्टर वालसा जोन का जन्म 1958 को
केरल
में
हुआ
था।
बिहार
और
झारखंड
में
दलित
और
आदिवासियों
के
बीच
में
शानदार
कार्य
किए।
उनको
हर
तरह
के
कार्य
करने
में
निपूर्णता
हासिल
था।
शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत ने 13 अक्टूबर
को
16 व्यक्तियों
को
दोषी
करार
दिया।
इन
पर
आरोप
है
कि
चार
साल
पहले
पाकुड़
जिले
में
सेवारत
सामाजिक
कार्यकर्ता
सिस्टर
वालसा
जोन
की
हत्या
कर
दी
थी।
जिला
एवं
सत्र
न्यायाधीश
ओमप्रकाश
श्रीवास्तव
ने
16 व्यक्तियों
को
सजा
सुनाई।
भारतीय
दंड
संहिता
की
धारा
302/149 के
तहत
सजा
आजीवन
कारावास
की
सजा
दी
गयी।
धारा 302/149 के
राज्य
विधान
के
अनुसार
एक
अपराध
किसी
व्यक्ति
के
द्वारा
किया
जाता
है, तो उसके संग में रहने वाले तमाम व्यक्तियों को भी अपराध का दोषी माना जाएगा। अदालत ने यह भी विभिन्न अन्य आईपीसी की धारा के तहत उन्हें दोषी पाया।जेल की सजा चलेंगी।
दोषी हैं साहेब राम मडेरिया, जीतन बागची, बबलू मुर्मू, बबलू मुर्मू (एक ही नाम के दो व्यक्तियों), जयराम मरांडी, राजू मुर्मू, सुरेश मुर्मू, पाईसिल हेम्ब्रम, प्रेम तुरी, एडविन मुर्मू, ताला हेम्ब्रम राकेश तुरी, प्रधान मुर्मू रंजन मरांडी, नजीर सोरेन और मुंसी मुर्मू।सिस्टर वालसा जोन की हत्या 15 नवम्बर,2011 को
आधी
में
मार
डाला
गया
था।
अमरपाड़ा
थानान्तर्गत
कैथलढीह
गांव
में
किया
गया।
आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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