Sunday 13 April 2014

भइया भूल न जाना रे......, मतदान करके तबहो दूर जाना रे........


पटना। भइया भूल जाना रे ......, मतदान करके दूर जाना रे ........ प्रजातंत्र को सफल बनइयों रे ........   जी हां , सभी लोग प्रजातंत्र के राजाओं से आग्रह कर रहे हैं। अपील करना जायज है। मतदान करके ही कुशल प्रतिनिधि को संसद के द्वार भेज सकते हैं। ईसाई नेता सेसिल साह ने जागरूक नागरिक होकर ईवीएम के बदन को दबाकर प्रजातंत्र के गौरव को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।
यह तो जग जाहिर हैः यह तो जग जाहिर है कि आज के राजा को कल रंक बन जाना ही है। जो आज रंक है। वह कल राजा बन जाएंगे। इसके बाद राजा के पास जाकर नाक लगड़ना ही पड़ेगा। इस प्रकार चुनाव आयोग ने नाटो का विकल्प दे रखा है। अगर आप प्रत्याशी को मत देना नहीं चाहते हैं तो नाटो पर बटन दबा दीजिए। मगर वह अभी प्रभावशाली नहीं है। उसका फिलवक्त मतलब नहीं है। हो सकता है कि भविष्य में नाटो कारगर सिद्ध हो सके।
बी . एल . . सक्रियः दूसरे चरण के मतदान तिथि 17 अप्रैल के पूर्व बी . एल . . के द्वारा मतदाताओं को मतदाता पत्र दिया जा रहा है। पटना साहिब संसदीय क्षेत्र और पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में देखा गया कि बी . एल . . मुस्तैद होकर कार्य कर रहे हैं। यह सब अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर . लक्ष्मणन साहब के इशारे का ही परिणाम है। जो सही ढंग से कार्य को अंजाम दिलाया जा रहा है। मालूम हो कि बी . एल . . की अकर्मण्यता के कारण नये ढंग से नाम लिखवाने को आतुर युवा जोश वालों के उमंग फीका पड़ गया था। मां - बाप के साथ बूथ पर गए। बी . एल . . लापता नजर आयीं। काफी विलम्ब से आने के बाद अपने साथ आवेदन प्ररूप लेकर नहीं आयीं।
बिहार में द्वितीय चरण का मतनदान 17 अप्रैल कोः 17 अप्रैल को मुंगेर , नालंदा , पटना साहिब , पाटलिपुत्र , आरा , बक्सर और जहानाबाद में चुनाव होना है। मुंगेर , नालंदा , पटना साहिब , पाटलिपुत्र और बक्सर में अल्पसंख्यक ईसाई वोटर हैं। अगर इनके स्कूल और चर्च परिसर में मतदान केन्द्र रखा जाएगा तो चर्च में आवाजाही करने में दिक्कत होगी। फिर भी ईसाई समुदाय को धर्म के साथ राष्ट्र धर्म भी निभाना है। केवल प्रशासन को चाहिए कि शांति प्रिय समुदाय को धर्मकर्म करने में विघ्न उत्पन्न हो। किसी तरह की घटना हो। इसके लिए एहतियात के तौर पर 17 अप्रैल के पहले से ही कदम उठा लें।
मात्र 35 जगहों पर पुर्नमतदानः अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर . लक्ष्मणन और सुरक्षातंत्र में लगे लोगों के सहयोग से नक्सल प्रभावित सासाराम सुरक्षित , काराकाट , औरंगाबाद , गया सुरक्षित , नावादा और जमुई सुरक्षित क्षेत्र में प्रजातंत्र की विजयी हो सकी। मात्र 33 जगहों पर ही दोबारा मतदान कराना पड़ा। इसी तरह प्रशासन द्वितीय चरण का मतदान भी शांतिपूर्ण ढंग से करवाने में कामयाब हो पाएगा।
Alok Kumar

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