Sunday, 13 April 2014

आज ईसाई समुदाय ने ' खजूर ' को लेकर जुलूस निकाले


गया। महत्वपूर्ण सप्ताह है ईसाई समुदाय के लिए। इस सप्ताह राष्ट्र धर्म के नाम पर मतदान करना और चर्च में जाकर धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना। यह सिलसिला आज से शुरू हो गया है। आज रविवार को ईसाई समुदाय ' पाम संडे ' यानी खजूर इतवार मनाया। अगले रविवार को ईस्टर संडे मनाएंगे। संपूर्ण संसार के ईसाई समुदाय के लोग 5 मार्च से दुःखभोग यानी लेंट अवधि में हैं। लजीज भोजन को त्याग दिए हैं। उपवास और परहेज कर रहे हैं।
 बताते चले कि पवित्र बाइबल में उल्लेख है कि जब नगर में ईसा मसीह प्रवेश किए तो लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किए। उनके राह में चादर बिछाए। हाथ में हरियाली टहनियों को हिलाहिला कर अभिवादन किए। तब से ही परम्परा चालू हो गया। जिसे ईसाई समुदाय निभाते रहे हैं। इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के क्रम में आज ' पाम संडे ' के अवसर पर सुबह में काफी संख्या में धर्मावलम्बी चर्च गए। निर्धारित समय के अनुसार चर्च के पुरोहितगण आए। उन्होंने खजूर इतवार के असवर खजूर के टहनियों पर पवित्र जल का छिड़काव किए। खजूर के टहनियों पर आशीष और प्रार्थना करने के बाद खजूर के टहनियों को ईसाई समुदाय के बीच में वितरण किया गया। तब धर्मावलम्बियों ने खजूर के टहनियों को लेकर जुलूस के शक्ल में चर्च के अंदर प्रवेश किए। यहां पर पहुंच कर जूलूस धार्मिक अनुष्ठान में तब्दील हो गया। इसके बाद पुरोहित धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किए। धार्मिक अनुष्ठान के मध्य में पुरोहित ने श्रद्धालुओं के बीच में परमप्रसाद वितरण किए।
  पवित्र वृहस्पतिवार को पवित्र परमप्रसाद का स्थापना दिवस है। इसे अंतिम ब्यालू भी कहा जाता है। ईसा मसीह ने अपने 12 शिष्यों के पैर धोए। अंतिम खाना खाने के पहले भविष्यवाणी किए कि तुम्ही लोगों में से एक कोई मुझे पकड़वाएगा। इस वाणी को सुनकर सभी शिष्यों में खलमली मच गयी। खाना खाने के बाद यूदस नामक शिष्य ने चांदी के 30 सिक्कों में ईसा मसीह को विरोधियों के हाथ बेंच दिए। विरोधियों ने अत्याचार करके ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाकर मौत के घाट उतार दिया। इस दिन को गुड फ्राइडे यानी पवित्र शुक्रवार कहा जाता है। पवित्र शुक्रवार को ईसाई समुदाय उपवास और परहेज रखेंगे। दिनभर भूखे रहेंगे। शाम में क्रूस रास्ता तय करके उपवास और परहेज तोड़ेंगे। पवित्र बाइबल के अनुसार पवित्र शुक्रवार को सलीब पर प्राण त्यागने के तीसरे दिन मृतकों में से पूर्ण वैभव के साथ पुर्नःजीर्वित हो जाएंगे। इसी को ईस्टर संडे कहते हैं।
Alok Kumar.

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