Sunday 13 July 2014

फेसबुक पर कलाकृतियों को परोसने का कार्य करती हैं अनिता कुमारी



पटना। मेरे बाप के पास बहुत रकम है। उनकी मृत्यु हो गयी है। एक व्यक्ति की तलाश है। जो मेरे पिताश्री की रकम निकालने में मदद करें। आपसे नाम और काम तमाम करने की जानकारी ले लेगी। अगर आप ऐसे लोगों के झांसे में पड़ गए तो घर से ही रकम गंवा देने पड़ सकता है। भूलकर भी ऐसे संगठित गिरोह के चक्कर में नहीं पड़े। फेसबुक पर सक्रिय हैं। कई दोस्तों ने गिरोह के सदस्यों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। और इसका पर्दाफाश भी करने में सफल हुए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है।उसी तरह गौ माता को लेकर धार्मिक अस्त्र बनाने का प्रयास हो। इसके अलावे फेसबुक पर धार्मिक उन्मांद फैलाने वालों को नियंत्रण करने की जरूरत है। 
खैर, हर फन के लोग फेसबुक पर मिलते हैं। गलत आई डी बनाकर चैटिंग करने वाले पुरूष और महिलाएं। इधर देखे अमरेन्द्र जी का कार्टून, उधर देखे समाचार,जरा अनिता कुमारी को देखे। हमेशा विभिन्न तरह की कलाकृति परोसते रहती हैं। वेद साहब दलित प्रेम,आधी आबादी पर बखान, मधुबनी कलाकृति, फीचर लिखने वाले, ब्लॉग लिखने वाले,राजनीतिक दलों से संबंधित, अश्लील चित्रों से प्राइमटाइम को गंदा करने में लगे लोग, सिसिल साह को देखे हाथ जोड़कर ईसाईयों की तस्वीर अपलॉड करते रहते हैं। रजनीश जी को मोदीकारनामा से नफरत हैं। नवल जी को पिछ़ड़ा प्रेम है। गलत लड़की की आई डी बनाकर नीतीश कुमार को गाली देने में पीछे नहीं रहती है। कोई विभिन्न तरह का समाचार परोसते हैं। विविध मुद्दों पर पवन जी का कार्टून भी दिखता हैं। .टी.वी. के बाद कशिश का एंकर बनने वाले संतोष सिंह को फोटो अपलॉड कर विचार पेश करते अच्छा लगता है। इसका अर्थ है कि जिस प्रकार भारत में विभिन्न धर्म,जाति,भाषा,सांस्कृतिक आदि को मानने रहने वाले मिलकर भारत को एकता के बंधन में बांधने में सफल हो रहे हैं। उसी प्रकार फेसबुक भी है।
 इस केला को देखे। अनिता कुमारी के द्वारा कलाकृति की गयी है। जरूरत है। ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहन देना। हां, लोग प्रोत्साहनलाइककरके देते हैं। लाइक से ही काम चलने वाला नहीं है। कमेंट लिखे। ऐसा करने से लिखने की आदत होती है। विचार व्यक्त करने और बेहतर ढंग से रखने की कला भी सीखी जाती है।
यहां पर कुछेक लोगों का नामोल्लेख किया गया है। इसका मतलब नहीं है कि उनका फेसबुक पर महत्व नहीं है। सभी दोस्तों का महत्व है। वह चाहे कटिहार के पंचायत रोजगार सेवक हो। गया के महादलित मुसहर समुदाय के लोग हो। सभी लोगों का फेसबुक पर सम्मान अधिकार है। आपको केला पसंद है। तो पेश है। केला पर कलाकृति।
आलोक कुमार

No comments: