Sunday 19 October 2014

नदी पारकर घर जाने की परेशानी


बरसात में बर्तन के सहारे पार करते हैं लोग

नालंदा। आप लोग जानकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे। नालंदा जिले के लोग आज भी नदी हेलकर ही घर जाते हैं। वह भी पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सांसद कोशलेन्द्र जी का गढ़ है। फल्गू नदी से मेलजोल रखने वाले खजाना और नुनाई नदी को ही पार कर मोहन खंधा और तेलमर गांव जाते हैं। बरसात के समय में किसी बर्तन के सहारे और अन्य मौसम में ठेहुनाभर पानी में हेलकर ही पार करते हैं।

सात गांव के लोग प्रभावितः नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के पाकड़ पंचायत के मोहनखंधा, कादिर चक,नया खंधा,ह्नदय बीघा,भोजपुर,पाकड़, नून नगर आदि गांव में 2 हजार से अधिक घर है।यहां के लोग खजाना और नुनाई नदी को पार करके ही घर और बाजार जाते हैं। इस ओर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश और सांसद कौशलेन्द्र भी ठोस कदम नहीं उठाया है।

महादलित मुसहर इल्लमपर हजारों की संख्या में रहते हैंः सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बिरादरी हजारों की संख्या में रहते हैं। प्रत्येक साल नदी पार करके के दरम्यान जान गवा देते हैं। इनकी कुर्बानी देने के बाद भी अधिकारियों का मन नहीं पसीजता है। गंगा नदी पर आसानी से पुल निर्माण करने का आदेश देकर ताली बटोरने वाले राजनीतिज्ञ खजाना और नुनाई नदी पर पुल बनाने का आदेश देने में पीछे रह जाते हैं।


नागेन्द्र सिंह नामक ग्रामीण ने कहा कि बाप-दादा के कार्यकाल से ही कष्ट सह रहे हैं। बांस के चाली बनाने के बाद भी लोग नदी पार कर पाने में असर्मथ ही रह जाते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि दोनों नदी में पुल बनाया जा।

आलोक कुमार


No comments: