पटना। संत माइकल उच्च विघालय के
सामने प्रेरितों की रानी ईश है। इसके बगल में कुर्जी कब्रिस्तान है। दोपहर में
कुर्जी पल्ली के ईसाई धर्मावलम्बियों का आगमन शुरू। दो हजार की संख्या से अधिक लोग
उपस्थित रहे। आने वाले लोगों के हाथों में फूल, मोमबत्ती, अगरबत्ती आदि थे।कब्रिस्तान में आए और मृत परिजनों की
कब्र में सजावट करने लगे। कुछ ही मिनटों में रौनकदार कब्र बन गयी।
जी हां, आज ईसाई समुदाय ने
मुर्दों का पर्व मनाया। अन्य कब्रिस्तानों की तरह कुर्जी कब्रिस्तान में मुर्दों
का पर्व मनाया गया। इसके लिए मृतक के परिजन दोहपर में ही घर से निकल गए।कब्रिस्तान
में आकर यहां सीधे मृत परिजन की कब्र पर गए। नम्र आंखों से बाजार से लाए गेंदा के
फूलों से कब्र की सजावट की गयी। फूलों से सजावट करने के बाद परिजन मोमबत्ती और
अगरबत्ती भी जला दिए।
इस बीच कुर्जी पल्ली की प्रेरितों की
रानी ईश मंदिर से विशेष वस्त्रधारण कर पुरोहितगण निकले। इस लघु जुलूस के आगे बच्चे
चल रहे थे। एक बच्चे के हाथ में क्रूसित प्रभु येसु ख्रीस्त की लकड़ी वाली सलीब और
दो बच्चों के हाथों में जलती मोमबत्ती
थमायी गयी थी। इसका नेतृत्व कुर्जी पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित फादर अगस्तीन
किस्कू ने किया। कब्रिस्तान में जाकर लघु जुलूस धार्मिक अनुष्ठान में तब्दील हो
गया। इसके बाद कब्रिस्तान में निर्मित बलिवेदी पर धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया गया।
मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर अगस्तीन किस्कू थे। इनके साथ फादर फादर इग्नासियुस
अब्राहम, फादर सुशील
साह,फादर हेनरी
रूमेल्लो, फादर जोनसन
आदि थे।
मौके पर कुर्जी पल्ली के सहायक पल्ली
पुरोहित फादर अगस्तीन किस्कू ने कि हमलोगों के बीच से परिजनों के चले जाने के बाद
अपार दुख होता है। माता कलीसिया ने मृत परिजनों को स्मरण करने का मौका प्रदान की
है। प्रत्येक साल 2 नवम्बर को
मुर्दों का पर्व मनाया जाता है। यह विश्वभर में मनाया जाता है। आप जरूर ही मर्माहत
हैं। हम यूख्रीस्तीय भोज में मृत परिजनों को याद करें। इनके आत्मा की शांति के लिए
दुआ करें। इसके बाद धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुआ। अनुष्ठान के बीच में श्रद्धालुओं
के बीच में पुरोहितों के द्वारा परमप्रसाद वितरण किया गया।
वहीं एंग्लो-इंडियन समुदाय के झारखंड
विधान सभा के विधायक ग्लेन जौर्ज ग्लेनस्टेन, कांग्रेसी नेता, सिसिल साह, सुशील साह, जेवियर लुइस, पीडी अगस्टीन ,क्लारेंस हेनरी, एस.के. लौरेंस, विन्सेट हेनरी ,लुसी रिचर्ड आदि लोग उपस्थित थे। इन लोगों ने मृत
परिजनों को श्रद्धांजलि अर्पित किए।
धार्मिक अनुष्ठान के बाद पुरोहितों
ने घुमघुमकर कब्रों पर पवित्र जल का छिड़काव किए। इस बीच कुर्जी पल्ली के गायन
मंडली के द्वारा गीत प्रस्तुत की गयी। माटी तेरी काया रे प्राणी, माटी में मिल
जाएगा........। जी हां, विधि के
विधान के सामने नस्तमस्तक होकर इस धरती से प्राणी को जाना ही है। इस सच्चाई को
स्वीकार करके लोग गीत गुनगुनाने से परहेज नहीं किए।पुरोहितों के द्वारा पवित्र जल
का छिड़काव करते समय उपस्थित श्रद्धालु क्रूस का चिन्ह बनाते चले जा रहे थे। सभी तरह के धार्मिक कार्य में भाग लेकर
लोग मायुष होकर घर लौंटे।
आलोक कुमार
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