आलोक कुमार
जहानाबाद।
इस जिले के
जहानाबाद प्रखंड में सेवनन
ग्राम पंचायत है।
इस पंचायत में
मोकर गांव है।यहां
के कोई मालिक
ने बिन्द समुदाय
को जमीन दी
थी। इस पर
बिन्द लोग 25 घर
बनाकर रहते हैं।
कोई 125 लोगों में कोई
भी मैट्रिक उर्त्तीण
नहीं है। अभी
राम ईश्वर बिन्द
के पुत्र आठवीं
कक्षा में अध्ययनरत
हैं।
मालिक की जमीन पर बसे हैं बिन्द समुदाय के लोगः नदौल
रेलवे स्टेशन से
उतरकर पैदल जाया
जा सकता है।
यहां से एक
किलोमीटर की दूरी
है। टेम्पों से
भी जाया जा
सकता है। टेम्पों
वाले 3 रू0 में
पहुंचा देंगे। आवासीय भूमिहीन
होने के कारण
मालिक ने बिन्द
समुदाय को जमीन
देकर बसाया है।
इनको यहां के
एक मालिक ने
अपने खेत में
काम करवाने के
लिए लाए थे।
उक्त मालिक के
अलावे अन्य मालिकों
के पास बिन्द
समुदाय के लोग
खेत में काम
करते हैं।
हैं यहां के लोग खेतिहर भूमिहीनः कोई
5 हजार रू0 देकर
खेत को पट्टा
पर लेकर खेती
करते हैं। कोई
8 मन अनाज देकर
मनी पर खेत
में अनाज पैदा
करते हैं। तो
कोई बटाईदारी पर
खेती करते हैं।
राम ईश्वर बिन्द
2 बीघा खेत पर
बटाईदारी खेती करते
हैं। बटाईदारी में
पटवन करने के
लिए जमीन मालिक
तेल और खाद
देते हैं। एक
साल में धान,
गेहूं,चना,मंसूर
आदि उपजा लेते
हैं। बोरिंग से
खेत का पटवन करते
हैं।
और सरकार ने अनुशंसा को नहीं मानीः खुद मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने
ही सांसद डी0
बंधोपाध्याय की अध्यक्षता
में भूमि सुधार
आयोग गठित किया
था। आयोग के
अध्यक्ष ने सरकार
को सुझाया था
कि बटाईदारों को
पहचान पत्र निर्गत
किया जाए। ऐसा
करने से बटाईदारों
को भी सरकारी
क्षूमिपूर्ति का लाभ
मिल पाता। इस
तरह की अनुशंसा
को सरकार मानी
नहीं। मगर किसी
तरह से फसल
नुकसान होने पर
बटाईदारों को सरकारी
क्षतिपूर्ति का लाभ
नहीं मिल पाता
है। इसके कारण
लोगों को गुस्सा
आता है।

सरकार योजना से लाभ मिले बिन्द समुदाय कोः बिन्द
समुदाय को किसी-किसी को
इंदिरा आवास योजना
के तहत मकान
बनाया गया है।
अभी और लोग
हैं जिनको योजना
से मकान बना
देना चाहिए। मगर
ऐसा नहीं हो
रहा है। इसके
अलावे सभी को
वासगीत पट्टा भी मिलना
चाहिए। जो आजतक
नहीं मिला है।
राजस्व एवं भूमि
सुधार विभाग के
प्रधान सचिव श्री
व्यास जी से
आग्रह किया गया
है कि आम
चुनाव के बाद
अधिकारियों को भेजकर
वासगीत पट्टा निर्गत कर
दिया जाए।
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