आज ईसाई समुदाय ने
मुर्दों का पर्व मनाया। अन्य कब्रिस्तानों की तरह कुर्जी कब्रिस्तान में मुर्दों
का पर्व मनाया गया। इसके लिए मृतक के परिजन दोहपर में ही घर से निकल गए।कब्रिस्तान
में आकर यहां सीधे मृत परिजन की कब्र पर गए। नम्र आंखों से बाजार से लाए गेंदा के
फूलों से कब्र की सजावट की गयी। फूलों से सजावट करने के बाद परिजन मोमबत्ती और
अगरबत्ती भी जला दिए।
इस बीच कुर्जी
पल्ली की प्रेरितों की रानी ईश मंदिर से विशेष वस्त्रधारण कर पुरोहितगण निकले। इस
लघु जुलूस के आगे बच्चे चल रहे थे। एक बच्चे के हाथ में क्रूसित प्रभु येसु
ख्रीस्त की लकड़ी वाली सलीब और दो बच्चों के हाथों
में जलती मोमबत्ती थमायी गयी थी। इसका नेतृत्व कुर्जी पल्ली के सहायक पल्ली
पुरोहित फादर अगस्तीन किस्कू ने किया। कब्रिस्तान में जाकर लघु जुलूस धार्मिक
अनुष्ठान में तब्दील हो गया। इसके बाद कब्रिस्तान में निर्मित बलिवेदी पर धार्मिक
अनुष्ठान शुरू किया गया। मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर अगस्तीन किस्कू थे। इनके साथ
फादर फादर इग्नासियुस अब्राहम, फादर सुशील साह,फादर हेनरी
रूमेल्लो, फादर जोनसन
आदि थे।
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