रांची।झारखंड
प्रदेश का गठन 15 नवम्बर 2000 को हुआ। सर्वविदित है कि बिहार से विभाजित होने के बाद ही झारखंड प्रदेश
बना। राजनीतिक मजबूरी के कारण राजनीतिक दल किसी आदिवासियों को ही मुख्यमंत्री
बनाने का सिलसिला चालू कर दिए थे। उसी तरह गैर आदिवासियों को ही राज्यपाल के पद
दिया जाता रहा। 16 मई को केन्द्र में सत्ता परिवर्तन
बाद झारखंड में भी सीएम और गर्वनर के परम्परा में बदलाव कर दिया गया। चुनावी फतह
के बाद रघुवर दास को सीएम बनाया गया। अब आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को प्रथम बार
महिला राज्यपाल बनाया गया। प्रदेश की नौवीं प्रथम आदिवासी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू
बनी हैं।
केन्द्र
सरकार ने उड़ीसा के मयूरगंज में रहने वाली पूर्व विधायक द्रौपदी मुर्मू पर विश्वास
जताकर झारखंड प्रदेश का गर्वनर बना दिया। आज झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य
न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह ने राजभवन में निर्मित बिरसा मंडप में द्रौपदी मुर्मू को
पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल की सुपुत्री इतिश्री
उपस्थित थीं। सोमवार को इतिश्री काफी खुश दिखी। मम्मी तो प्रथम आदिवासी महिला हैं,
जो राज्यपाल बन सकीं। हमलोग तो उड़ीसा से हैं। मगर झारखंड
में मम्मी आती और जाती थीं। राजनीतिक और पारिवारिक कार्य निपटाती थीं।
सामाजिक
कार्यकत्री मंजू डुंगडुंग ने प्रशंसा व्यक्त की हैं। आशा व्यक्त की हैं कि सीएम और
महामहिम मिलकर झारखंड के विकास करने में सफल हो जाएंगे।
आलोक
कुमार
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