मुजफ्फरपुर.इस जिले में मनरेगा वॉच बिहार के द्वारा प्रभावशाली ढंग से कार्य किया जा रहा है.कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग भी मिलता है.इस समय राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की हाजरी बनवाने का विरोध किया जा रहा है.मनरेगा वॉच ने सभी मजदूरों को संपूर्ण हाजरी बनाने के साथ उस वक्त के मजदूरी 210 रू.के दर से एक सप्ताह में भुगतान करने की मांग की है, अन्यथा सभी मजदूर अपनी मांगों के समर्थन में धरना शुरू कर देंगे.इन सभी मांगों को लेकर दिनांक
15 मई 2023 से मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा.
बिहार में सामान्य कार्य के नियोजनों में काम करने वाले अकुशल श्रेणी के मजदूरों को अभी 373 रुपए रोजाना मिल रहे हैं.इसमें 15 रुपए की वृद्धि होगी. जबकि अतिकुशल श्रमिकों को 577 रुपए रोजाना में 23 रुपए की वृद्धि होगी. गौरतलब है कि एक साल में दो बार न्यूनतम मजदूरी तय होती है. इसके तहत एक अप्रैल व एक अक्टूबर से हर साल नई न्यूनतम मजदूरी दर तय होती है.
बिहार में न्यूनतम मजदूरी 388 रुपए से कम मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 194 रुपए है.सबसे अधिक लक्ष्यदीप में 266 रुपए देय है.वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न प्रखंडो के परियोजना पदाधिकारी (पीओ) व विभिन्न पंचायतों के पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस ) के द्वारा मनमर्जी से मनरेगा मजदूरों को काम करने के लिए भेजते रहे हैं.और तो और मजदूरों को मजदूरी के नाम पर मात्र 22.85 रूपए प्रति दिन की दर से मजदूरों से बिना पूछे ही राशि खाते में भेजने का सिलसिला जारी है.
इस जिले के प्रखंड कुढ़नी, मुशहरी, बोचहा, मुरौल, सकरा, बंदरा, गायघाट, औराई,कटरा,कांटी,मरवन,सरैया के 106 पंचायतों के मनरेगा में मजदूरों काम करने वालों ने लिखित में काम की मांग कर चुके हैं. अभी तक मजदूरों को काम नहीं दिया गया.उक्त पंचायत के मजदूर को राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में छूटे हाजरी भी नहीं लगाई गई है.लंबित भुगतान और जॉब कार्ड नहीं दिया गया है.
बताया जाता है कि बोचाहा प्रखंड गरहा पंचायत में जनवरी में योजना का नाम 0515010005/आईसी/ 20463000 ग्राम पंचायत गरहा में एलिवेस्टर गोदाम से एनएच 57 तक नाला उड़ाही कार्य पर मजदूर 12 दिन काम किए थे. जिस नाला का उड़ाही का मस्टर रोल निकाला गया था. उसमें पानी भरा हुआ था. इसके बावजूद परियोजना पदाधिकारी और पंचायत रोजगार सेवक मजदूरों को काम पर भेजते रहे और मात्र 22.85 रूपए प्रति दिन के दर से मजदूर से बिना पूछे मजदूरी की राशि खाते में भेज दिया गया.
इस योजना पर राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के कारण आधे अधूरा ही हाजरी लगाया गया, जबकि मजदूर 12 दिन काम किए थे. मजदूरों की मांग है कि उक्त योजना पर किए सभी मजदूर को पूरे हाजरी के साथ उस वक्त के मजदूरी 210 रू.के दर से एक सप्ताह में भुगतान किया जाए, अन्यथा सभी मजदूर अपनी मांग के समर्थन में धरना शुरू करेंगे और कम दिए गए राशि सरकार को वापस करेंगे.
कुढ़नी प्रखंड में मनरेगा अंतर्गत लगातार ठेकेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है.जिस कारण मजदूर को सही से काम नहीं दिया जा रहा है. इस पर तुरंत कार्रवाई किया जाए. कुढ़नी के कंरमा,किनारू सहित अन्य पंचायत में मजदूर के खाते में पैसे नहीं आए. मुशहरी प्रखंड मुशहरी उर्फ राधा नगर योजना का नाम 0515009016/एलडी/20383166 वार्ड नं. 04 में अवस्थित श्मशान घाट के प्रांगण में मिट्टी भराई कार्य यहां मजदूर सात दिन काम किए.एनएमएमएस ऐप से एक दिन भी हाजरी नहीं बनी.पैसे भी नहीं मिला. मुरौल प्रखंड के मीरापुर पंचायत में योजना का नाम सुरेंद्र सहनी के खेत से नदी के पास तक सड़क निर्माण कार्य पर मजदूर एक सप्ताह काम किए.एनएमएमएस ऐप के कारण आधे हाजरी ही लग पाया. जांच कर सभी मजदूर को पूरा हाजरी के साथ भुगतान किया जाए.
आलोक कुमार
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