Friday 27 January 2017

महावीर वात्सल्य अस्पताल में 12 दिन के नवजात शिशु को नया जीवनदान


पटना।बेगुसराय से बिल्कुल गंभीर स्थिति में 12 दिन के नवजात शिशु टुक-टुक को साँस लेने में तकलीफ के कारण महावीर वात्सल्य अस्पताल रेफर किया गया था । शिशु का तुरंत सारे जाँच किये जाने के बाद वेंटीलेटर पर रखकर ईलाज शुरू किया गया । महावीर वात्सल्य अस्पताल के नवजात शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. (मेजर) प्रभात कुमार द्वारा बच्चे का ईको किया गया और पता चला कि बच्चा जन्मजात गंभीर हृदय रोग (सीवियर कोआरकटेशन ऑफ एओर्टा विथ फेलिंग वेंट्रीकल्स) से पीड़ित है और बच्चे के अभिभावकों को तुरंत हृदय सर्जरी किये जाने का सुझाव दिया गया । डॉ. (मेजर) प्रभात कुमार और डॉ. अशोक कुमार (कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजिस्ट) की टीम द्वारा महावीर वात्सल्य अस्पताल के कैथ लैब में दिनांक 23 जनवरी, 2017 को सफल हृदय सर्जरी किया गया । डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार बच्चा अब बिल्कुल ठीक है और उसे वेंटीलेटर से हटा लिया गया है । उसे दिनांक 27 जनवरी, 2017 को अस्पताल से छुट्टी दे दिया जायेगा ।

डॉ. राकेश सिंह, नवजात शिशु रोग विभागाध्यक्ष के अनुसार भारत में प्रत्येक साल 1-2 प्रतिशल ऐसे बच्चों का जन्म होता है जो जन्मजात हृदय विकारों से ग्रसित होते हैं और लगभग 15 प्रतिशत ऐसे बच्चों को तुरंत आकस्मिक स्थिति में हृदय सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है । बिहार राज्य में बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित हृदय रोग विशेषज्ञ और संसाधनों की कमी और उचित ईलाज के केन्द्रों के अभाव के कारण अधिकांश बच्चों की मृत्यु हो जाती हैं ।   
   
     शिशु का जन्म दिनांक 11 जनवरी, 2017 को सामान्य प्रसव के द्वारा बछवारा के सरकारी अस्पताल, बेगुसराय जिला में हुआ था और उसे जन्म के दो-तीन घंटे बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी । जन्म के आठ दिन बाद बच्चा को साँस लेने में कठिनाई होने लगी तो उसे बछवारा से बेगुसराय के एक निजी नर्सिंग होम में रेफर किया गया जहाँ दो-तीन दिनों तक उसकी चिकित्सा की गयी परंतु उसकी स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद उक्त निजी नर्सिंग होम द्वारा दिनांक 22 जनवरी, 2017 को गंभीर स्थिति में बच्चा को महावीर वात्सल्य अस्पताल रेफर किया गया था ।

     ज्ञातव्य है कि महावीर वात्सल्य अस्पताल नवजात शिशुओं के समुचित चिकित्सा हेतु एक सर्वश्रेष्ठ केन्द्र के रूप में विख्यात है । महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक, डॉ. एस. एस. झा ने कहा कि हाल ही में नवजात शिशुओं एवं बच्चों के हृदय रोगों के ईलाज हेतु पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी और नस रोगों के लिए पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी की शुरूआत की गयी है । नवजात शिशुओं के लिए हृदय सर्जरी की ऐसी व्यवस्था बिहार में पहली बार उपलब्ध करायी गयी है । डॉ. प्रभात कुमार ने दावा किया कि इतने कम उम्र के ऐसे गंभीर हृदय से संबंधित जन्मजात रोग की सर्जरी पहली बार बिहार में किया गया है । डॉ. अशोक कुमार, हृदय रोग विभागाध्यक्ष ने कहा कि यदि बच्चा जीवित रहता है तो बड़े बच्चों पर कभी-कभी ऐसी सर्जरी किया जाता है ।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक, डॉ. एस. एस. झा, अपर निदेशक, श्री एम. डब्लू. ए. अंजुम, शिशु रोग विभागाध्यक्ष, डॉ. राकेश सिंह, हृदय रोग विभागाध्यक्ष, डॉ. अशोक कुमार और पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ. (मेजर) प्रभात कुमार उपस्थित थे ।

                                               
(डॉ.एस.एस.झा)
 निदेशक एवं हड्डी रोग विभागाध्यक्ष
महावीर वात्सल्य अस्पताल

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