Sunday, 20 September 2015

दीघा विधान सभा से किस्मत अजमाने की तैयारी में जुटे

शशि रंजन ने जन अधिकार पार्टी का थामा दामन

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के तमाम पदों से मुक्त होकर

शशि रंजन ने जन अधिकार पार्टी का थामा दामन

पटना। खुद को उपेक्षित समझ रहे हैं कांग्रेसी। इसका प्रत्यक्ष उदहारण हैं शशि रंजन। कई दशक से कांग्रेसी बनकर कार्य करते रहें। ग्रासरूट वर्कर से उठकर प्दकपंद छंजपवदंस ब्वदहतमेे के उपाध्यक्ष पद तक पहुँच पाएं थे। 41 वर्षों तक पश्चिमी दीघा विधान सभाई क्षेत्र के लोगों को संगठित किए और लोगों को कांग्रेस की नीतियों पर अग्रसर कराएं। बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा दीघा क्षेत्र के राजीव नगर की जमीन को अधिग्रहण किया गया है। इसके खिलाफ आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते रहे। सूबे में 25 वर्षों से हाशिए पर है कांग्रेस। हालांकि कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दलों को सहयोग प्रदान करके सरकार को समर्थन करती रही। इसके कारण कांग्रेस के ग्रासरूट वर्कर घूटन महसूस करने लगे। इसके कारण दीघा विधान सभा क्षेत्र के उम्मीदवार कांग्रेसी नहीं बन सके।

खैर, सभी पदों से पूर्व उपाध्यक्ष शशि रंजन ने इस्तीफा दे दिया है। आज मौर्य होटल में जन अधिकार पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिए। जन अधिकार पार्टी (तीसरा मोर्चा) में शामिल है। इसे 243 सीट में 64 सीट प्राप्त हुआ है। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने पार्टी की सदस्यता प्रदान किया। शशि रंजन को दीघा विधान सभाई क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जाएगा। 

सोशल मीडिया फेसबुक के सदस्यों ने शशि रंजन को देने लगे हैं शुभकामानाएं! इस दौरान कहने लगे हैं कि एक एक कर के कांग्रेस अपने सारे कार्यकर्त्ता को खो रहा है। जो बहुत ही ख़राब बात है। आपकी दीघा में पक्की जीत हो।

आलोक कुमार

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