Sunday, 27 September 2015

तन्तुशोथ से पीड़ित लोगों को सरकार और एनजीओ जिम्मा उठाएं

तन्तुशोथ से पीड़ित विनोद राम को कोई देखने वाला नहीं

भीखमंगों की जिंदगी बिताने को बाध्य हैं विनोद

पटना।एक दिन जियोग्रारफी चैनल में दिखाया जा रहा था कि एक वंदे के शरीर में अनेकों गांठ उभर आया है। शरीर में उभर आए गांठ बढ़ गए थे। उत्पन्न गांठ की वजन आधा से एक किलोग्राम तक होगा। आंख के बगल उभरे गांठ के कारण आंख लगभग ढंक ही गया। किसी और व्यक्ति के सहारे चल फिर रहा था। उसका शल्य चिकित्सा किया जाता है। एकएक नस को समूल निकाला जाता है। जो बहुत ही मंहगी इलाज है।

इस महिला को देखा जा सकता है। तमाम जगहों पर गांठ उत्पन्न हो गया है। आंख और मुंह भी ढंक गया है। दोनों हाथ भी प्रभावित है। इसी तरह विनोद राम को भी देखा जा सकता है। कुछ वर्षों के बाद गांठ कमाल दिखाना शुरू कर देगा। इसी तरह 1 पुरूष और 4 महिलाएं भी पीड़ित हैं। इसमें दानापुर में रहने वाली मां और बेटा भी हैं। रामजयपाल नगर,दीघा और सदाकत आश्रम के पास में रहती हैं। इन लोगों की देखभाल सरकार की ओर से होनी चाहिए। विनोद राम के मां और बाप परलोक सिधार चुके हैं। अभी अकेले भटकता रहता है। किसी को दया आने पर खाना दे देते हैं। नहीं तो भूखे ही विनोद को सो जाना पड़ता है। बदन को ढंकने के लिए टी शर्ट की मांग करता है। गैर सरकारी संस्थाओं को भी ध्यान देने की जरूरत है। बढ़ते तन्तुशोथ को नियत्रंण करने की दवा-दारू की व्यवस्था होनी चाहिए।


आलोक कुमार

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