Saturday 26 December 2015

क्रिसमस धूमधाम से मनाया


बच्चे तो बच्चे सयाने भी थिरकते रहे

प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में एकदूसरे से प्यार करने की नसीयत दी गयी

पटना। आज क्रिसमस त्योहार हर्षोल्लास ढंग से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मध्यरात्रि और सुबह में धार्मिक अनुष्ठान किया गया। दुल्हन की तरह चर्च की सजावट की गयी। ईसाई धर्मावलम्बी सजधज कर चर्च गए। श्रद्धापूर्ण ढंग से मिस्सापूजा में भाग लिए। नये और पुराने गीतों को पेश किया गया। जो क्रिसमस के बारे में गायन के माध्यम से परोसा जाता है। इसे कैरोल गायन कहते हैं। इस बीच पूजा के बीच में परमप्रसाद वितरण किया जाता है। चर्च की समाप्ति पर गौशाला में येसु अवतरित होने की खुशी प्रकट की जाती है। हैप्पी क्रिसमस, बड़ा दिन मुबारक, खुश जन्म पर्व आदि कहकर अभिवादन करते हैं। अपने तैयारी के अनुसार आतिशबाजी भी की जाती है। इस बार प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में आतिशबाजी की गयी। इस आतिशबाजी में ही हैप्पी क्रिसमस बनकर निकलता जो मनमोहक सिद्ध हुआ। नवयुवक संघ ने जल स्त्रोत बनाया है। माता मरियम के ग्रोटों से जलप्रवाह होता है। लोग झरना देखे और सेल्फी लिए। अब कुर्जी पल्ली वाले चर्च देखने योग्य बन गया है। दिनभर लोग आकर गौशाला और झरना देखते रहे।

पर्व को लेकर धरती पर रहने वाले खुश हैं। विश्वव्यापी त्योहार की खुशी फेसबुक से भी व्यक्त किए जा रहे हैं। एक-दूसरे के बीच बड़ा दिन की खुशी बांटे। धर्मकरम से निकलकर घर पर आने के बाद सांसारिक माहौल बन जाता है। खानपान शुरू हो जाता है। विशेष तौर पर केक मिलता है। केक काटकर खाए और दूसरों को भी खिलाएं। बच्चों के बीच मिठाई और बैलून वितरित किया गया।

यह सब कवायद 2000 में पूर्व में जन्मे येसु को लेकर की जा रही है। जो 2015 साल बाद भी जारी है। येसु का पालक पिता संत जोसेफ और पालक माता निष्कलंक माँ मरियम हैं। संसार के मुक्तिदाता को बेतलेहेम में जन्म लेना पड़ा। वह भी 24 दिसम्बर की मध्य रात में गौशाला में। सराय में जगह नहीं मिली। इसकी सूचना चरवाहों को देवदूतों ने दी। चरवाहे जाकर गौशाला में येसु का दंडवत किए। राजाओं को जानकारी मिली। आकाश में विचरण करके तारा ने गौशाला के करीब आकर रूके। इस सकेत को ग्रहण कर तीन राजा गौशाला तक सके। इस तरह मानव बनकर येसु का धरती पर अवतरण हुआ। इसी को स्मरण करते हैं ईसाई समुदाय। 4 हफ्ता का आगमन काल होता है। येसु के आने की इंतजारी करते हैं। शारीरिक, मानसिक,सामाजिक और पारिवारिक ढंग से तैयार होते हैं। चर्च में जाकर पुरोहित से पाप स्वीकार करते हैं। बड़ा दिन को मानसिक रूप से तैयार करते हैं। समाज के लोग मिलकर सामूहिक बड़ा दिन बनाते हैं। परिवार में भी गौशाला निर्माण होता है। सिरिज बल्ब लगाते हैं। क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज, स्टार आदि से परिचय देते हैं कि क्रिसमस मनाया जा रहा है। इस अवसर घर की महिलाएं व्यस्त रहती हैं। घर के अंदर पकवान बनाते हैं। जो सामान्य त्योहारों के अवसर पर आम तौर पर पकवान बनते है उसी को बनाते हैं। विशेष तौर पर केक है। वह बड़ा दिन का मस्त आइटम है। केक खाओं और केक खिलाओं चलता ही रहता है।

इस अवसर पर 24 दिसम्बर की मध्य रात्रि में धार्मिक विधि का आयोजन हुआ। कुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में 10: 00 बजे से कैरोल गायन हुआ। मध्यरात्रि मिस्सा फादर जॉनसन केलकत,येसु समाजी 11:00 बजे से किया। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 11:00 बजे से, नोट्रेडम कॉन्वेंट में 11:00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 11:00 बजे से मिस्सा हुआ। संत मेरिज एकेडमी, आशियाना नगर में 10:30 बजे से और एक्स0टी0टी0आई0 में 11:30 बजे से मिस्सा हुआ। क्रिसमस डे 25 दिसम्बर को सुबह 7:00 बजे से मिस्सा अर्पित किए पटना धर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा। द्वितीय मिस्सा 8:30 बजे से फादर सुशील साह,येसु समाजी अर्पित किए। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 7:00 और 9:00 बजे से अंग्रेजी में मिस्सा हुआ। नोट्रेडम कॉन्वेंट में 7:00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 7:00 बजे से मिस्सा हुआ।












आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।






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