कि मुझे यहां काफी समय लगेगा। लगभग एक घंटा से भी अधिक रूके और नीचे आकर रिक्शा खोजने लगे। एक रिक्शा चालक जाने के लिए तैयार हुए लेकिन भाड़ा ज्यादा मांग रहा था। वे दूसरे रिक्शा की तलाश करने लगे और उस पर जाने से इंकार कर दिए। फिर हमलोग रिक्शा वाले को समझा कर तैयार किया और राजेंद्र नगर से सचिवालय रिक्शा से अकेले बैठकर गए।
एक बार सचिवालय में मिलने गए साथ में नरेंद्र जी भी थे। उस समय बोधगया में आंदोलन तेज था और पुलिस दमन गांव में तेज था। हमलोग को यह कहकर पुस्तकालय में चले गए कि कल बहस में मुझे अपनी बात रखनी है अतः उससे सम्बन्धित तथ्य और आंकड़े मुझे चाहिए अतः कुछ किताबें ढूंढ ने के लिए चले गए। हम दोनों को वहीं रूकने के लिए कहा। लेकिन वहां से पुलिस हमलोग को बाहर निकाल दिया और हमलोग पैदल उनके फ्लैट की तरफ बढ़ने लगे। हम दोनों को न पाकर अपने फ्लैट से साइकिल से दो लोगों को खोजने के लिए भेज दिए। हमलोग को रास्ते में साइकिल के साथ भेंट हो गए और बताए कि आप दोनों को कर्पूरी जी खोज रहे हैं। हमलोग को उसकमरे में बुलाए जहां उनके अलावे कुछ खास लोगों से बात करते हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपने निजी कामों से आते हैं।आपलोग आंदोलन के काम से आए अतः भीड़ में बात नहीं किया अब आप अपनी बात विस्तार से बताएं। करीब एक घंटे तक बात सुनते रहे और दूसरे दिन से पुलिस का दमन भी कम हो गया। जी।
जदयू ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया। पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा उन्हें भारत रत्न देने की मांग दोहरायी। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विनोद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर्पूरी जी के अधूरे सपने को पूरा करने में लगे हैं। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में प्रकाश राम पटवा, लखन स्वर्णकार, राजनंदन कुमार, विकास मांझी, असलम अंसारी, शंभू शर्मा, भरत चंद्रवंशी, रौशन पटेल, पुष्पेंदु पुष्प, भारती प्रियदर्शिनी आदि शामिल रहें।
आलोक कुमार
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