Friday 22 January 2016

100 साल पहले जिया बेकरार था


तुझसे -मुझसे प्यार था

आज भी है और कल भी रहेगा

लाठी के सहारे पालकी ढोते हैं
पटना। नकटा दियारा क्षेत्र के सामने ही 100 साल से बिन्द जाति के लोग बिन्द टोली में रहते हैं। अब तो अभिन्न अंग ही बन गये थे। इसी को ख्याल में रखकर पालकी ढोने वालों ने 700 रूपये कम भाड़ा लिया। नकटा दियारा क्षेत्र में 2 हजार रूपये भाड़ा है। विवाह के मौसम में पालकी वालों की चांदी हो जाती है। उसके बाद जिल्लत की जिदंगी जीने को बाध्य हो जाते हैं। कहते हैं कि यह भी कोई जीना है?


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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