अभी बिन्द टोली से निकली थीं सातों बहिनिया
एक ही झटके में सातों बहिनिया के आश्रय को ढाह दिया
पटना। गाजे-बाजे के साथ पालकी में सवार होकर निकली थीं धरती के लोगों को पालने वाले भगवान। महज पांच मिनट के अंदर ही सातों बहिनिया का आश्रय स्थल को बुलडोजर से ढाह दिया।
वह इंतजार कर रहा था। बुलडोजर के चालक बैठकर बिन्द टोली के लोगों द्वारा सातों बहिनिया की विदाई करने वाली पूजा देख रहा था। जब सातों बहिनिया के साथ अन्य पिंडों का संग्रहकर पालकी में रख दिया गया। भक्तिपूर्ण गानों को गाकर लोगों बिन्द टोली से बाह निकलने लगे। पांच मिनट में बिन्द टोली से लोग निकल गये थे। इसके बाद बुलडोजर चालक को आदेश दिया गया। तुरंत देवी मंदिर को ढाह दो। वह आगे बढ़ा और ढाहने का सिलसिला शुरू कर दिया। आने वाले पथ पर बाधाओं को दूर करने के बाद देवी मंदिर के पास पहुंचकर मंदिर को ही एक झटके में ढाह दिया।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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