
बिन्द टोली के लोगों का कहना है कि जब बुलडोजर के चालक मकानों को ध्वस्त करने आये थे तब सबसे पहले देवी मंदिर पर ही कहर बरपाना चाहा। देवी मंदिर की सात बहिनिया ने बुलडोजर के ही दांत तोड़ दिये। तीन दांत टूटे। तब बुलडोजर चलाने वाले ने अन्य मकानों को जमींदोज करने लगा।
मरघट बने बिन्द टोली में देवी मंदिर ही बच गयी। जो अगले दिन 21 जनवरी 2016 को ध्वस्त कर देना है। सातों बहिनिया को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विदाई देने का कार्यक्रम है। विस्थापित 186 परिवार के लोगों ने चंदा किये हैं। प्रत्येक परिवारों से 200 रूपये चंदा किया गया है। जो वृहस्पतिवार को सातों बहिनिया को पालकी में रखकर ले जाएंगे। कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में प्राण प्रतिष्ठा कर देंगे। कुर्जी मोड़ बिन्द टोली का नयका टोला नाम रखने का प्रस्ताव है। यह एक बैठक में निर्णय होगा।
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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