Thursday, 21 January 2016

अतीत के आयने में बिन्द टोली



संपूर्ण मूलभूत सुविधाएं हो गयी ध्वस्त

पटना। 100 साल से बिन्द जाति के लोग रहते थे बिन्द टोली में। गंगा और सोन नदी के किनारे थे। पहले बिन्द टोली दीघा ग्राम पंचायत का हिस्सा था। दीघा ग्राम पंचायत को विभक्त पूर्वी दीघा और पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत निर्माण किया गया। आई0टी0आई0रेलवे लाइन से दीघा नहर के बीच वाले क्षेत्र को पटना नगर निगम के अधीन कर दिया गया। इसके आलोक में बिन्द टोली को नकटा दियारा ग्राम पंचायत में कर दिया गया। 

सामुदायिक भवन में आंगनबाड़ी और उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित था। एक स्कूल भवन भी निर्माण किया गया। इसमें बच्चे पढ़ते थे। बिन्द जाति के लोगों ने देवी मंदिर और चबूतरा भी बनवाया। यहां पर सातों बहिनिया सम्मे, शीतला, मगेसर, कालिका, बिग्घीन, कंकाल, कंकारिन विराजमान थे। इसके अलावे ब्रह्म देवता के वाहन भी निर्माण कराया गया। हरेक साल श्रावणी पूजा करते हैं। यहां पर यदु महतो,श्यामचरण महतो आदि भगत हैं। देवताओं और लोगों के बीच में कड़ी बनकर पूजा करते हैं। 

पूर्व मध्य रेलवे परियोजना तहत एप्रोच रोड निर्माण करना था। इसमें बाधक बिन्द टोली के लोग बने थे। सीएम नीतीश कुमार ने 2013 में मंत्री मंडल की बैठक में निर्णय लिये कि विस्थापित होने वाले परिवारों को पुनर्वास किया जाएगा। प्रत्येक परिवार को 3 डिसमिल जमीन दी जाएगी। तब पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बिहार सरकार को बिन्द टोली की जमीन के एवज 94 करोड़ 25 लाख रूपये दिये। 

संभावित खतरे के आलोक में बिन्द टोली के लोगों ने माननीय पटना उच्च न्यायालय के एकल पीठ में जनहित याचिका दायर कर दिये। एकल पीठ ने बिन्द टोली के प्रभावितों के पक्ष में निर्णण पारित किया। कहा गया कि बिन्द टोली की जमीन रैयती जमीन है। तब जिला प्रशासन ने एकल पीठ के पारित प्रस्ताव के खिलाफ डबल बैंच में अपील दाखिल कर दी। डबल बैंच में बिन्द टोली के लोग भी गये ।तब विद्वान न्यायधीशों ने बिन्द टोली के दायर याचिका को ही खारिज कर दिया। इसके साथ ही बिन्द टोली के लोगों पर धब्बा लग गया कि अतिक्रमणकारी हैं। जिला प्रशासन दबाव बनाने लगा कि कुर्जी मोड़ के आगे चयनित स्थल पर पुनर्वासित हो जाए। उस स्थल का सीमांकन करने के बाद लोगों को जमीन दी गयी। शौचालय,पेयजल,बिजली आदि की व्यवस्था की गयी। जब लोग आकर बसने लगे तो समान ढोने की व्यवस्था कर दी गयी। प्रशासन ने ट्रैक्टर का किराया दिया। ठंड की वजह से कम्बल वितरित किया गया। 

बिन्द टोली के लोग कुर्जी मोड़ बिन्द टोली में आ जाने के अकेले भगवान ही छूट गये थे। इस बीच बुलडोजर से सामुदायिक भवन,स्कूल,इंदिरा आवास योजना से निर्मित मकान ढाह दिया गया। आज भगवान का घर भी ध्वस्त कर दिया गया। इसके साथ ही बिन्द टोली से बिन्द जाति का मोहभंग हो गया। अब पूरी तरह से पूर्व मध्य रेलवे की जमीन हो गयी है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।





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