पटना। हमको ऐरा-गेरा न ही समझो, हम है बड़े काम की चीज? दोनों पति और पत्नी हैं। दोनों धृतराष्ट्र हैं। आंख की रोशनी खो देने के बाद भी पढ़ाई जारी रखे। दिल्ली विश्वविघालय से ग्रेजुएशन बीबी की हैं। खुद मियां एमएड हैं। ब्रेल लिपी से अध्ययन करते हैं। दोनों से शिक्षा लेने की जरूरत है। आंख रहते हुए भी लोग भटक जा रहे हैं। अपराधी दुनिया में प्रवेश कर जा रहे हैं। वहीं नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जा रहे हैं। इससे बचना चाहिए। अबतक आतंकी बनने से ही बाज नहीं आ रहे हैं।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
No comments:
Post a Comment