सातों बहिनिया पालकी पर सवार होकर पहुंची नया टोला
पटना। आज दिन वृहस्पतिवार और तारीख 21 जनवरी 2016 है। रंग-बिरंगी पोशाक में सैकड़ों महिलाओं की उपस्थिति। दुख-सुख में विराजमान रहने वाली सातों बहिनिया की विदाई। एक तरफ दुख तो दूसरी तरफ हर्षित भी थे। हां, महिलाओं ने ऐतिहासिक क्षण वाली पूजा में शामिल होकर धन्य हो गयीं। कोई कसर नहीं छोड़ी। अंतिम बार ही बिन्द टोली में पूजा करनी थीं।सातों बहिनिया के ऊपर निर्मित गीत को पुरूष भक्त गाते रहे। अजय पासवान के नेतृत्व में आधुनिक वाद्य यंत्रों से संज्जित गीत मंडली को कॉल किया गया। जो सातों बहिनिया की गीत गाकर माहौल को धार्मिकमय बनाया गया। इस टोला के यदु महतो और श्यामचरण महतो पूजा करते जा रहे थे।इसके बाद अलग-अलग टोकरियों में सातों बहिनिया को रखकर पालकी में रखा। गया। ब्रह्मा देवता का वाहन को भी रखा गया। इस समय लोग खुश दिख रहे थे। कारण कि सातों बहिनिया को नयका टोला प्राण प्रतिष्ठा करनी है। पालकी ढोने वालों में उमंग रहा। टोला के लोग सातों बहिनिया के पालकहार बन गये। बिन्द टोली से निकलकर पोस्ट ऑफिस रोड में पहुंचा। इसके बाद बांसघाट-दीघा मुख्यमार्ग से होकर नयका टोला पहुंच गये। गीत,भजन आदि का दौर चलता। एक भूभार्ग पर सातों बहिनिया को रखा गया है। मंदिर निर्माण को लेकर 2 हजार ईंट गिरायी गयी है। श्रावण माह के पहले ही मंदिर निर्माण होगा। वहां पर पहली बार श्रावणी पूजा की जाएगी।
मखुदमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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