Sunday 1 May 2016

करोड़ों रूपये डकार कर बापू जी के बंदर बन गये

पटना सदर प्रखंड में है पूर्वी मैनपुरा
पटना। पटना सदर प्रखंड में है पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत,पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत और पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत। अब पटना नगर निगम के अन्तर्गत नूतन अंचल निगम में तीनों पंचायत आ गया है। इसके आलोक में ग्राम पंचायतों का चुनाव नहीं हुआ। 2017 में नगर निगम का चुनाव होगा।

उन तीनों ग्राम पंचायतों में खुद का जलापूर्त्ति केन्द्र है। जलापूर्त्ति केन्द्र निर्माण करने के कुछ साल बाद सरकार ने जलमिनार भी बनवा दिया। जो हाथी का दांत साबित हो रहा है। इससे लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। यह जरूर है कि किसी व्यक्ति को जगह विशेष की जानकारी जलमिनार से दी जा सकती है।

पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायतः पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत के नेहरू नगर में है जलापूर्त्ति केन्द्र। इसके बगल में ही जलमिनार स्थापित है। कोई एक करोड़ बीस लाख रूपये से निर्माण करवाया गया। जलमिनार तैयार हो जाने के बाद तत्कालीक विभागीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से उद्घाटन करवाया गया। जबतक मंत्री जी ठहरे तबतक जलमिनार में पानी भी ठहरा। मंत्री जी के चले जाने पर पानी भी चला गया। इसके बाद फिर से जलमिनार में पानी नहीं भरा गया।

पूर्वी दीघा ग्राम पंचायतः इस पंचायत के कुर्जी पुल के हमीदपुर गांव में है जलापूर्त्ति केन्द्र। ठीक बगल में ही जलमिनार बनाया गया। इस पर एक करोड़ चालीस लाख रूपये खर्च किया गया। जो लोगों के लिए अलाभकर साबित हो रहा है। इस जलापूर्त्ति केन्द्र के ऑपरेटर ने कहा कि 35 अश्वशक्ति की मशीन लगी है। इस मशीन की शक्ति नहीं है कि जलमिनार में पानी चढ़ा सके। यहां हैवी मशीन की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हैवी मशीन लगाकर जलमिनार में पानी चढ़ाया गया तो मशीन फेल हो सकती है। बालू निकलना शुरू हो जाएगा। अब एक ही उपाय है कि नया जलापूर्त्ति केन्द्र बनाया जाए। ऐसा करने के बाद ही जलमिनार में पानी चढ़ाया जा सकता है। न नौ मन तेल होगा, न राधा नाच करेगीं।

पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायतः इस पंचायत के बांसकोठी में स्थित आई0टी0आई0 छात्रावास के सामने जलापूर्त्ति केन्द्र है। इसके समीप ही जलमिनार बनाया गया है। इस केन्द्र से पानी चढ़ाने के बाद पानी चूकर नीचे गिर जाता है। इसके कारण ही जलमिनार का उद्घाटन नहीं किया गया है। इसके कारण रहस्य पर से पर्दा नहीं हट पाया है। मजे की बात है कि जलमिनार निर्माण करने वाले ठेकेदार एक करोड़ पैंसठ लाख रूपये हजम कर चुका है। बापू के तीन बंदरों की तरह आंख,मुंह और कान बंद कर रखा है।

बांसकोठी में स्थित अम्बेदकर कॉलोनी में अगलगीः 29 अप्रैल 2016 को अम्बेदकर कॉलोनी में आग लग गयी थी। सैकड़ों झोपड़ी स्वाहा और लाखों रूपये की संपति नष्ट हो गयी। आई0टी0आई0छात्रावास के सामने स्थित जलापूर्त्ति केन्द्र के ऑपरेटर कहते हैं कि जैसे ही जानकारी मिली कि झोपड़ियों में आग लग गयी है। वैसे ही केन्द्र पर आकर मशीन चालू कर दिये। लगातार 8 घंटे से पानी आपूर्त्ति कर रहे हैं। यह पूछने पर जलापूर्त्ति केन्द्र से दमकल में पानी भरा जा सकता है? इस पर ऑपरेटर का कहना है कि इस केन्द्र में व्यवस्था नहीं है। केवल आई0टी0आई0 के सामने वाले जलापूर्त्ति केन्द्र में व्यवस्था की गयी थी। जो अब व्यवस्था को बंद कर दी गयी। ऑपरेटर का कहना है कि सभी जलापूर्त्ति केन्द्रों में व्यवस्था होनी चाहिए ताकि अग्निशमन दस्ता वाले पानी ले सके।

जांच करवाने की जरूरतः बिहार सरकार से मांग की गयी है कि इन तीनों जलमिनारों पर जांच कमिटी बनाकर जांच हो। ऐसा करने से निर्माणकर्ता ठेकेदारों पर अकुंश लग सकेगा। मनमौजी से सरकारी कार्य करते हैं और राशि लूटमार कर लेते हैं।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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