Tuesday 28 March 2017

जन्म से लेकर सात साल तक कुदरत की चीजों को निहार नहीं सकीं सुमन

पटना। अर्जुन मांझी और रीता देवी रहते हैं वार्ड नम्बर- 22 सी में। एल.सी.टी.घाट मुसहरी है। यहां पर महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। दोनों दम्पति के चार संतान है। 2 लड़का और 2 लड़की। इसमें से सुमन कुमारी नामक लड़की की मृत्यु हो गयी है। वह जन्म से बीमार ही रहीं। जन्म लेने के कुछ माह के बाद इसंफ्लाटिस रोग से ग्रसित हो गयी। खुब अंधविश्वासी इलाज किया गया। इसके बाद चिकित्सक के पास इलाज किया गया। दोनों इलाज से ठीक हुई। इसके बाद आंख की रोशनी खो दी। आंख से दिखायी नहीं देने की वजह नस सूख जाना है। फिर अंधविश्वासी और चिकित्सकों से इलाज किया गया। इस बार दवा के साथ दुआ भी किया गया।
रद्दी कागज चुनकर जीविका चलाने वाली रीता देवी कहती हैं कि इसंफ्लाटिस के समय में सोना और चांदी गिरवी रखे। सोना तीन हजार और चांदी दो हजार में गिरवी रखे। अर्थाभाव के कारण सोना और चांदी नहीं छुड़ा सके। इसी समय 30 हजार रू0 व्याज पर लिये। इस राशि को खत्म कर सके। इस बार सुमन कुमारी को बुखार लगा। 10 हजार रू0खर्च करने के बाद भी नहीं बचा सके। इस तरह जन्म से लेकर सात साल तक कुदरत की चीजों को निहार नहीं सकीं सुमन।

आलोक कुमार


No comments: