Wednesday 10 February 2016

ईसाई समुदाय का दुःखभोग शुरू


आज से गुड फ्राइडे 25 मार्च तक उपवास और परहेज 

पटना। आज राख बुधवार है। आज से विदेश-देश-प्रदेश में ईसाई समुदाय का दुःखभोग की अवधि चालीसा शुरू हो गयी। चालीसा शुरू होने के दिन बुधवार को ईसाई समुदाय उपवास और परहेज रखे। जो गुड फ्राइडे 25 मार्च 2016 तक जारी रहेगा। 
आज सुबह में संत माइकल उच्च विघालय के सामने स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया गया। कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर जोनसन के नेतृत्व में अनुष्ठान अर्पित किया गया। इनके साथ फादर हेनरी,फादर दोमनिक और सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित होकर भक्तिपूर्ण ढंग से धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिये। 
इस बीच पुरोहितों ने साधारण राख पर पवित्र जल का छिड़काव किया। पवित्र जल का छिड़काव और प्रार्थना करन के बाद साधारण राख पवित्र हो गया। ईश्वरीय शक्ति से हो गये पवित्र राख को पुरोहितों ने उपस्थित श्रद्धालुओं की ललाट पर क्रूस का चिन्ह बनाया। उनको यह आभास कराया कि हे!मानव तू मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे। 
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर जोनसन ने कहा कि इस साल की चालीस अवधि महत्वपूर्ण है। वाटिकन सिटी में रहने वाले पोप फ्रांसिस ने पश्चाताप करने पर जोर दिया है। 
बताते चले कि मंगलवार को ईसाई समुदाय गोस्त-भूजा का पर्व मनाया। लजीज भोजन सेवन किये। इसके साथ ही धर्मावलम्बी बुधवार से चालीस दिन उपवास और परहेज रखेंगे। यह बताया कि यह प्रतीक न हो कि आपलोग उपवास और परहेज कर रहे हैं। उसी तरह भरपूर दान करें। बायें हाथ दान करता है तो दाहिने हाथ को आभास न हो। 
चालीसा अवधि में प्रभु येसु ख्रीस्त के दुःखभोग को 14 चरणों में झांकी है उसे दर्शाकर प्रार्थना की जाती। इसे 14 मुकाम (क्रूस का रास्ता) कहा जाता है। बुधवार और शुक्रवार को साढ़े तीन बजे और पाँच बजे 14 मुकाम होगा। इसके तुरंत बाद पवित्र मिस्सा होगा। इस अवधि में पश्चाताप और आध्यात्मिक तैयारी का भी समय है,इसलिए बुधवार और शुक्रवार को आयोजित 14 मुकाम के समय फादर पापस्वीकार के लिए बैठे रहेंगे। श्रद्धालु पापस्वीकार कर सकते हैं।
झांकी में है क्या? प्रभु येसु ख्रीस्त को गिरफ्तार करना। उनको भारी भरकम सलीब देना। सलीम ढोते समय तीन बार गिर जाना। इस हालात को देखकर अन्य वंदे से क्रूस ढोने को कहना। महिलाओं द्वारा रोना। येसु ख्रीस्त को सलीब पर चढ़ाना। उनके साथ अन्य डकैत को सलीब पर चढ़ाना। डकैतों द्वारा येसु ख्रीस्त का उपहास करना। सलीब पर चढ़े येसु ने मरने के पहले कहते हैं कि हे! प्रभु इनको  माफ कर दें कि ये लोग नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं? लोगों के द्वारा येसु ख्रीस्त को बरछा मारना और वहां से लहू और पानी गिरना आदि है। इसी के सामने खड़े होकर श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं। उनके दुःख पर मनन और चिंतन करते हैं। हमलोगों के पाप के कारण ही प्रभु येसु ख्रीस्त को सलीब पर चढ़ाकर मार डाला गया। 
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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