Tuesday 29 March 2022

जिलाधिकारी, श्री शीर्षत कपिल अशोक को तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया

 नई दिल्ली. आज 29 मार्च, 2022 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया.उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु राज्यों ने सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति जल शक्ति अभियान - कैच द रेन 2022 अभियान का भी शुभारम्भ किया गया, जो 30 नवंबर, 2022 तक जारी रहेगा. 

राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था.आज तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार विज्ञान भवन में भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा, जल संरक्षण प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों को सम्मानित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ जिला पूर्वी क्षेत्र श्रेणी में, पूर्वी चंपारण, बिहार को प्रथम पुरस्कार, महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा जिलाधिकारी, श्री शीर्षत कपिल अशोक को तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र एवं मोमेन्टो प्रदान किया गया.

जिलेभर में जल संरक्षण एवं प्रबंधन क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सम्मानित जिलाधिकारी महोदय को उप विकास आयुक्त, श्री कमलेश कुमार सिंह के साथ-साथ सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी.इस उपलब्धि से सभी जिलेवासी काफी हर्षित है.मोतिहारी जिले भर में जल संरक्षण एवं प्रबंधन क्षेत्र में लघु जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग , पंचायती राज विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग, कृषि विभाग , ऊर्जा विभाग, नगर एवं विकास विभाग के समेकित प्रयास से बेहतर कार्य किए गए.तनवीर भारती ने कहा है कि जिले सहित हम सभों के लिए गौरव के अद्भुत दृश्य दिखाने और हम सभी को ये गौरवान्वित करने वाले अनुभूति प्रदान कराने के लिए जिलाधिकारी सर को सहृदय आभार सर को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं!


जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के नेतृत्व में कई स्तर पर अभियान चलाया गया. इसमें मनरेगा की भूमिका भी अहम रही है. जल संरक्षण को लेकर जिले में चले अभियान के तहत 315 तालाबों का विकास करते हुए ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा एवं मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया गया है. कोविड-19 के दौर में प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती थी. जिले में तब प्रतिदिन एक लाख जॉबकार्डधारियों को नदी उड़ाही, आहर, पइन, पोखर जीर्णोद्धार के कार्यों में रोजगार दिया गया. वर्ष 2021 में पीएचईडी के एक सर्वे में जिले का जल स्तर 2 से 3 फीट बढ़ा पाया गया. जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी प्रमुख भूमिका रही. मोतीझील के विकास एवं इसमें वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरुआत जिला प्रशासन द्वारा की गई. रोइंग क्लब में कैनोइंग एवं कयाकिग सेंटर की स्थापना की गई एवं खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते हुए वाटर स्पो‌र्ट्स प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई. जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी भी भूमिका रही. जल संरचनाओं को कराया गया अतिक्रमणमुक्त व सौंदर्यीकरण जिले के जल संरचनाओं को मुक्त कराने के साथ सौंदर्यीकरण कराया गया. इस क्रम में 535 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। पोखर, आहार, पईन के जीर्णोद्धार के कुल 1636 कार्य लिए गए.

 नदी जीर्णोद्धार के तीन कार्य लिए गए. प्रत्येक ग्राम में एक तालाब अंतर्गत 315 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया. मोतीझील में वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरूआत की गई। 290 सरकारी इमारतों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग किया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल के किनारे बड़ी संख्या में सोख्ता बनाए गए. 1632 फार्म पोंड एवं 3 चेक डैम बनाए गए. इसके अलावा 29 लाख पौधारोपण कराया गया। जिले भर में जल संरक्षण एवं प्रबंधन क्षेत्र में लघु जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग, कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, नगर एवं विकास विभाग के समेकित प्रयास से बेहतर कार्य किए गए.

जिले में मनरेगा के तहत तालाबों की खुदाई व जीर्णोद्धार कराया गया है. वहीं धनौती नदी में भी जल संरक्षण को लेकर मनरेगा से कई कार्य किए गए हैं. जिले की इस उपलब्धि को लेकर इस कार्य में लगे कर्मी व आम लोग बधाई के पात्र हैं.कमलेश कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त, पूर्वी चंपारण.

आलोक कुमार





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