Friday 1 April 2022

विधानसभा अध्यक्ष ने माले के विधायकों को मार्शल से बाहर करवा दिया

 

पटना. बिहार विधानमंडल के अंतिम दिन भाकपा माले के 12 विधायकों को मार्शल आउट कर दिया गया.इनका दोष था कि बिहार विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम - 98 के तहत लोक महत्व के विषय पर कार्यस्थगन की मांग कर डालना. जब विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यस्थगन प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी तब विधायकों ने वेल के अंदर प्रवेश कर गये.इसके बाद माले के विधायक लगातार सदन में हंगामा करने लगे थे. इस पर स्पीकर विजय सिन्हा ने माले के विधायकों को शांत रहने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने माले के विधायकों को मार्शल से बाहर करवा दिया.

इसके बाद माले विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए.माले विधायक सुदामा प्रसाद की तबियत बिगड़ गयी. इस बीच धरने पर बैठे माले विधायक सुदामा प्रसाद की अचानक तबियत बिगड़ गई. विधायक की तबियत को बिगड़ता देख विधानसभा में मौजूद डॉक्टरों को बुलाया गया, जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस से पीएमसीएच अस्पताल भेजा गया.

बताया गया कि बिहार विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम - 98 के तहत लोक महत्व के विषय पर कार्यस्थगन की मांग करते हैं . क्रिमिनलाइजेशन, करप्शन व कम्युनलिज्म के खिलाफ नीतीश सरकार का जीरो टॉलरेंस का दावा तार-तार हो गया है. महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं की बाढ़ आ गई है और सरकार चुप होकर तमाशा देख रही है. सबसे हालिया प्रकरण में मधेपुरा में रेप की कोशिश का विरोध कर रही एक दलित महिला को खाप पंचायत के आदेश पर लाठियों से पीटा गया व सरेआम निर्वस्त्र किया गया. विगत 20 मार्च को रोहतास जिला के सूरजपुर प्रखंड के अगरेरपुर गांव में छोटी सी घटना में सामंती अपराधियों ने राजदेव पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी और कई लोगों को घायल कर दिया.

आज राज्य पूरी तरह पुलिस-अपराधी गठजोड़ के चंगुल में है. फासीवादी भाजपा व आरएसएस  केे नफरत भरे अभियान से इस तरह की घटनाओं को और बल मिला है. हर पर्व-त्योहार को कलंकित करने व उसे हिंसा की आग में झोंक देने का प्रयास हो रहा है.अतः इस महत्वपूर्ण प्रश्न पर सदन का कार्य स्थगित कर बहस की मांग करते हैं.जो नहीं मिला.


आलोक कुमार

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