Thursday 9 June 2016

विधायिका द्वारा कार्यपालिका पर नकेल


60 दिनों के अंदर देना है कार्य परिणाम

पटना। बिहार में विधायिका द्वारा पहल की गयी है कि कार्यपालिका 60 दिनों के अंदर कार्य परिणाम दें। ऐसा करने से कलंकित होने वाली सुशासन की तस्वीर पर से काला धब्बा हटने लगेगा। सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर 5 जून को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू किया है। इसमें अपील करने का भी प्रावधान रखा गया है। परिवादी प्रथम और द्वितीय अपील करके अपने पक्ष में कार्य परिणाम लाने का प्रयास कर सकते हैं। 
बताते चले कि दीघा थानान्तर्गत मखदुमपुर बगीचा,शिवाजी मार्ग(रामस्वरूप ठेकेदार के मकान के सामने) विक्टर केरोबिन रहते हैं। पहले बांसकोठी क्रिश्चियन कॉलोनी में रहते थे। इनको 1 अप्रैल 1986 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलनी शुरू हुई। वर्ष 2002 तक पेंशन भुगतान की गयी। कतिपय कारणों से पेंशन की सुविधा बंद कर दी गयी है। इसके आलोक में 18 मार्च 2010 को माननीय जिलाधिकारी महोदय,पटना को आवेदन दिया गया। चिंगारी ग्रामीण विकास केन्द्र के सचिव ने भी चिट्ठी लिखे। इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इसके बाद माननीय अनुमंडल पदाधिकारी महोदय,पटना सदर को 27 मई 2015 को आवेदन देकर पेंशन पुस्तिका खो जाने वाले विक्टर केरोबिन को सामाजिक सुरक्षा पेंशन भुगतान करने का आग्रह किया गया। 1 साल गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी। 

सीएम नीतीश कुमार द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 5 जून को लागू हुआ। तो 7 जून को विक्टर केरोबिन ने सूचना विभाग में खोले गये काउंटर पर जाकर आवेदन दिया। काउंटर नम्बर 1 में कार्यशील पप्पू कुमार ने आवेदन स्वीकार किया। उसने तुरंत पावती भी दिया। अनन्य पंजीयन संख्या 999950107061600018 है। परिवाद प्राप्ति की तिथि 07 जून 2016 दिखाया गया है। परिवाद की सुनवाई और निवारण की नियत तिथि 15 जून 2016 दिया गया है। 

अब देखना है कि विधायिका द्वारा कार्यपालिका पर नकेल कसने वाले बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत क्या विक्टर केरोबिन जैसे लोगों को न्याय मिल पायेगा? या अन्य कानूनों की तरह ही बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को नौकरशाह हवा निकाल देंगे।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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