Monday 27 June 2022

भू माफियाओं ने जमीन के नकली कागजात बनाए और उसे बेच दिया

  

पटना.बिहार की राजधानी पटना में सरकारी जमीन को भू-माफिया द्वारा बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यह मामला दानापुर अंचल क्षेत्र का है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर इस मामले की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ. जांच अधिकारी ने सरकारी जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करने की अनुशंसा की है. इधर, इस मामले में पटना सदर के रजिस्ट्री कार्यालय और दानापुर अंचल कार्यालय के  सत्यापन के जमीन की रजिस्ट्री होने के मामले कर्मचारियों को कार्रवाई की तलवार लटक गई है.

पटना के दानापुर में भू माफियाओं ने सरकारी जमीन बेच दी है. मामले का खुलासा होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करने की अनुशंसा की गई है. जिसके बाद अब रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. जब्त की गई जमीन महादलित परिवारों को आवंटित की गई थी लेकिन जमीन पर गड्ढा होने के कारण वह अपना कब्जा नहीं जमा पाए थे. इसी का फायदा उठाते हुए भू माफियाओं ने जमीन को बेच दी.

डीएम चंद्रशेखर सिंह द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद इस मामले का खुलासा हो पाया है. अब बिना सत्यापन के हुई इस जमीन की रजिस्ट्री के मामले में पटना सदर के रजिस्ट्री कार्यालय एवं दानापुर अंचल कार्यालय के कर्मचारी शक के घेरे में आ गए हैं. जिसके बाद से सभी पर जांच की तलवार लटकने लगी है.

दानापुर के रूकनपुरा मौजा के थाना संख्या-18, खाता संख्या-21, खेसरा संख्या -09 जो खतियान में गैरमजरूआ के रूप में दर्ज है. इस जमीन में से 9 डिसमिल भूमि विजय पासवान द्वारा डीड संख्या- 13430 अक्टूबर 2021 में ज्ञानेंद्र नाथ को बेच दी गई जिसके बाद मामले की जांच दानापुर के डीसीएलआर द्वारा की गई तो पाया गया की उक्त खतियान की 89 डिसमिल जमीन गैरमजरूआ गड्ढे के रूप में दर्ज है.

यह जमीन प्रशासन द्वारा 13 महादलित परिवारों के लिए आवंटित थी. लेकिन गड्ढे होने के कारण से वह इस पर अपना कब्जा नहीं ले पाए थे. खाली जमीन देखकर भू माफियाओं ने जमीन के नकली कागजात बनाए और उसे बेच दिया. उक्त जमीन के दक्षिण एवं उत्तर हिस्से की भूमि को निजी दिखाया जबकि यह सभी जमीन सरकारी है. जांच अधिकारी ने इसकी सूचना डीएम एवं सीओ के दे दी है.

आलोक कुमार


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